अमरिका ने विकास सहायता धनराशि में वृद्धि की
इस संपादकीय आलेख में अमेरिकी सरकार के विचार दिये गये हैं.
विदेश विभाग के अध्ययन के अनुसार अमरीकी सरकार द्वारा विकास के लिये दी जाने वाली
सहायता राशि में 2008 में काफी वृद्धि हुई है. इस साल भी अमरीका अनुदान देने वालें देशों
की सूची में पहले नंबर पर है. अमरीका ने 2008 में विकासशील देशों को 26 अरब डॉलर की
सहायता राशि मुहैया कराई थी जो पिछले साल की तुलना में 19 प्रतिशत ज़्यादा है.
पिछले एक दशक में विकास के लिये अमरीकी सहायता राशि में तीन गुनी वृद्धि हुई है. पिछले
साल दी गई सहायता विश्व के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी राशि है इससे ज़्यादा धनराशि भी
अमरीका ने ही वर्ष 2005 में दी थी. 2005 में अमेरिका ने 27.9 अरब डॉलर की सहायता
जरूरतमंद देशों को दी थी..
अमरीकी सरकार द्वारा एड्स नियंत्रण, स्वास्थ्य सुधार, आर्थिक विकास में हिस्सेदारी बढ़ाने
की वजह सहायता राशि के बज़ट में वृद्घि दिख रही है. सबसे पिछड़े देशों को दी जाने वाली
सहायता राशि में पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ये 2007 में 4.8
से बढ़कर 2008 में 6.9 अरब डॉलर हो गई.
सरकारी सहायता के अलावा अमरीका के निजी क्षेत्र भी अरबों डॉलर की सहायता राशि
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से देता है इसमें व्यापार, निवेश और प्रवासियों द्वारा भेजा जाने
वाला धन शामिल है.
विदेश सहायता कार्यक्रम के जरिये अमरीका सतत आर्थिक विकास, सुशासन को बढ़ावा देना,
शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना, बीमारियों की रोकथाम और स्वास्थ्य सुधार, मानवीय
सहायता कार्यक्रम के लिये मदद देता है, इसके अलावा इस सहायता का उद्देश्य मानवाधिकार
और स्वतंत्रता की रक्षा करना, सशस्त्र संघर्ष, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, मानव तस्करी और
नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर रोक लगाना है.
अमरीका सरकार ने विदेशी सहायता धनराशि में तो वृद्धि की ही है साथ ही इसकी गुणवत्ता
को भी सुधारा है. पेरिस घोषणा के अन्तर्गत अमरीका ऐसे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहायता
कार्यक्रमों के लिये प्रतिबद्ध है जो प्रभावी और परिणाम आधारित हों तथा जिनका अंतिम
उद्देश्य दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बनाये रखना तथा सहायता राशि पर निर्भरता को
कम करना भी है.