वौइस् ऑफ़ अमेरिका के दिल्ली स्थित संवाददाता कृष्णानन्द त्रिपाठी से बात करते हुए जाने माने सरकारी वकील उज्वल निकम ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई कल होगी और अदालत के सामने सबूत पेश किये जायेंगे. श्री निकम ने वौइस् ऑफ़ अमेरिका को बताया कि कसाब ने इस बात को मंजूर किया कि वह नाबालिग़ नहीं है और उसकी उम्र २१ साल की है.
मुंबई हमले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने एक मात्र जीवित पकड़े गये आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब और दो अन्य अभियुक्तों फ़हीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद के खिलाफ भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने सहित 86 अभियोग लगाये हैं.
मुंबई के आर्थर रोड कारागार में बनाये गये विशेष बुलेट-प्रूफ न्यायालय में सरकारी वकील उज्वल निकम ने न्यायाधीश एम एल ताहिलियानी के सामने ये आरोप तीनो अभियुक्तों पर लगाये.
इन अभियोगों में भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ना, हत्या, अपहरण, दहशत फैलाना, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, गैर कानूनी तरीके से भारत में हथियार लाना, विस्फोटक का प्रयोग करना, विस्फोटक कानून और शस्त्र कानूनों का उल्लंघन आदि शामिल है.
50 पेज के इस आरोप पत्र को न्यायाधीश ने कसाब को पढ़कर सुनाया...कसाब ने हिंदी में उत्तर दिया कि वो अपने ऊपर लगाये गये आरोपों को समझता है. समाचार एजेंसियों की खबरों में कहा गया है कि उसने अदालत से कहा: "ये सब गलत है, मुझे कबूल नहीं है." अन्य दो अभियुक्तों ने भी आरोपों से इंकार करते हुये मुकदमा चलाने की मांग की.
सरकारी वकील उज्वल निकम ने मुंबई से वॉइस ऑफ अमेरिका को फ़ोन पर बताया "कसाब ने अदालत के सामने स्वीकार किया कि वो पाकिस्तान के फरीदकोट का रहने वाला है...और वहां मजदूरी करता था. और अदालत के पूछने पर उसने अपनी उम्र भी 21 वर्ष बतायी."
दो अन्य अभियुक्तों के बारे में श्री निकम ने बताया कि वे भारतीय नागरिक और प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य हैं...और उन पर हमले के लिये चिन्हित स्थानों के नक्शे बनाने में मदद करने का आरोप है. उन्होंने कहा कि सभी अभियुक्तों पर भारत पर हमले की साजिश रचने और उसे अंजाम देने का आरोप है....और ये साजिश पाकिस्तान में रची गई.
गुरुवार को भी इस मामले की सुनवाई होगी...सरकारी वकील श्री निकम ने कहा कि कसाब के खिलाफ सरकार के पास काफी सबूत हैं...इनमें उसके द्वारा प्रयोग की गई राइफल की बैलिस्टिक रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट और हमले के प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी हैं...जिनमें वे मीडियाकर्मी भी शामिल हैं जिन्होंने सीएसटी हमले के समय उसकी तस्वीरें खींची थीं.
यद्यपि तीनों अभियुक्तों ने न्यायालाय के समक्ष निर्दोष होने की गुहार लगाई है. लेकिन अभियोग सिद्ध होने की हालत में इनको आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदण्ड तक की सजा मिल सकती है.
पिछले साल 26 नवंबर को मुंबई पर हुये आतंकी हमले में 166 लोग मारे गये थे...इनमें काफी विदेशी नागरिक भी थे...और 234 लोग घायल हो गये थे.
सरकारी वकील उज्वल निकम के साथ बातचीत का ऑडियो सुनने के लिए साथ दी हुई लिंक पर क्लिक करें..