लिट्टे के साथ कोई भी समझौता नहीं : श्रीलंका
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30/04/2009
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![Mahinda Rajapakse (file) Mahinda Rajapakse (file)](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090506081436im_/http://www.voanews.com/hindi/images/ap_Sri_Lanka_pres_rajapakse_05.jpg) | Mahinda Rajapakse (file) | श्रीलंका के राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि ,तमिल विद्रोहियों के साथ कोई भी
समझौता संभव नहीं है. इस समझौते को लेकर अंतर्राष्ट्रिय समुदाय ने श्रीलंका सरकार से
,अपील की थी कि वह इन विद्रोहियों के साथ युद्ध विराम करे, लेकिन राष्ट्रपति ने कहा है
कि अब कोई युद्घ-विराम मुमकिन नहीं है और सेना साधारण नागरिकों को बचाने के लिए
प्रयासरत है.
राष्ट्रपति महिंदा राजपक्ष ने कहा है कि इस मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रिय समुदाय की अपील
से उन्हें आश्चर्य हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि आम नागरिकों को बचाने के सेना के प्रयास जारी
है, उन्होंने इस युद्घ को मानवतावादी लड़ाई कहा, और साथ में ये भी कि ,जो लोग श्रीलंका
को ,इस युद्घ के बारे में सलाह दे रहे है वे, इराक़ और अफ़गानिस्तान में युद्घ कैसे चल रहे हैं उस
पर भी, विचार करे. इसके एक दिन पहलेही, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियो ने ,श्रीलंका
सरकार से विनती की थी कि वह लिट्टे के साथ युद्घ विराम करे. श्री राजपक्ष ने इसी पर
अपनी ये प्रतिक्रिया दी
श्रीलंका के सुरक्षा सचिव गोताबाया राजपक्ष ने कहा है कि सरकार लड़ाई को तब तक नहीं
रोकेगी जब तक सारे विद्रोहियों और उनके नेता को नेस्तनाबूत नहीं कर दिया जाता.
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