वॉशिंगटन में अमेरिका पाकिस्तान और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के बीच बातचीत का मसला बस एक है - तालिबान से छुटकारा - इस वक़्त इसमें सबसे बड़ी भूमिका पाकिस्तान की होगी..अब सवाल ये है की अमेरिका पाकिस्तान से क्या अपेक्षा रख रहा है..
पिछले कुछ दिनों से इस बात पर सवाल उठ रहा है की पाकिस्तान की मौजूदा सरकार कितनी मज़बूत है...पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं और कई जानकार तालिबान की बढती ताकत को लेकर चिंतित हैं..हारवर्ड विश्वविद्यालय के ग्राहम एलिसन का कहना है की वो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के बारे में सोचकर हर रोज परेशान रहते हैं...
अमेरिकी जोइंट चीफ ऑफ़ स्टाफ के चेयरमैन माइक मुल्लेन ने पाकिस्तान से लौट कर कहा है की पाकिस्तान की सरकार के सामने राजनीतिक आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियाँ हैं..लेकिन परमाणु हथियरों को लेकर वो निश्चिंत हैं.
सांसद बिल कैसिडी जानते हैं की पाकिस्तान के सामने चुनौतियाँ कई हैं लेकिन ये भी मानते हैं की पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ मज़बूत होना होगा..
अमेरिकी विदेश विभाग को पूरा विश्वास है की वॉशिंगटन की इस बैठक के नतीजे बड़े होंगे..