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ईरान में 14 मार्च को होने वाले संसदीय चुनावों में उम्मीदवारी के लिए आवेदन करने वाले 7,000 से अधिक लोगों में से करीब एक-तिहाई को सरकारी चुनावी समितियों ने अयोग्य घोषित कर दिया है । जिन लोगों के चुनाव लड़ने पर बंदिश लगाई गई है, वे वैसे समूहों से जुड़े हैं, जिन्हें सुधारवादी माना जाता है । इन समूहों ने राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद की नीतियों पर असंतोष जाहिर किया है ।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता गोर्डन जॉनड्रो ने कहा- हम आशा करेंगे कि वहां जो चुनाव होंगे, वे स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे और ईरान की जनता को अपनी इच्छानुसार उम्मीदवार चुनने की अनुमति देंगे ।
वर्ष 2004 के ईरान के संसदीय चुनावों में 2,000 से अधिक उम्मीदवारों को इसी तरह अयोग्य घोषित कर दिया गया था । अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपनी एक मानवाधिकार रिपोर्ट में यह ध्यान दिलाया था कि ईरान का गार्जियन परिषद सिर्फ उन उम्मीदवारों को स्वीकार करता है, जो एक धार्मिक देश की अवधारणा के समर्थक हैं । अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ईरान के गैर-निर्वाचित सर्वोच्च नेतात अयातुल्ला अली खमेनी का स्थान सरकार की सभी शाखाओं से ऊपर है और वही राष्ट्रपति चुनाव के सभी उम्मीदवारों को स्वीकृति देते हैं या खारिज करते हैं ।
इस तरह के चलन राष्ट्रपति बुश के उन विचारों के रास्ते में व्यवधान डालते हैं, जिन्हें वे स्वतंत्रता और न्याय की प्रगति का नाम देते हैं । उन्होंने कहा-
“चाहे हम जिन भी शब्दों का प्रयोग करें, आदर्श वही है । एक स्वतंत्र एवं न्यायप्रिय समाज में नेता उन लोगों के प्रति उत्तरदायी हैं, जिन पर वे शासन करते हैं । एक मुक्त एवं न्यायप्रिय समाज में व्यक्ति अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत के बल पर कहीं से कहीं पहुंच सकता है ।”
राष्ट्रपति बुश ने ईरान की जनता से कहा- आपको एक ऐसी सरकार के शासन में जीने का अधिकार है, जो आपकी इच्छाओं को सुने, आपकी प्रतिभा को पहचाने और आपको अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन मुहैया करने की इजाजत दे ।
उन्होंने कहा- दुर्भाग्यवश आपकी सरकार आपको उन अवसरों से वंचित करती है । हम ईरान के शासन से यह अपील करते हैं कि वे आपकी इच्छा का पालन करें और अपने को आपके प्रति उत्तरदायी बनाएं ।