भारत में अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड ने कहा है कि
परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोगों से संबंधित भारत-अमेरिकी सहयोग समझौता एक
ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसके बहुत सारे लाभ हैं और भारत के भावी विकास के लिए बहुत
संभावना है ।
नई दिल्ली में 14 नवंबर को भारतीय उद्योग परिसंघ
द्वारा आयोजित दोपहर के भोज में राजदूत मलफोर्ड ने यह भी कहा, "भारत में एक बड़े, विश्व श्रेणी के नागरिक परमाणु उद्योग का निर्माण करने में
समय, पूंजी, कौशल, प्रतिस्पर्धात्मक प्रौद्योगिकी, एक अच्छे नियंत्रक वास्तुशिल्प,
निजी क्षेत्र के योगदान और सर्वश्रेष्ठता के लिए वास्तविक राजनीतिक प्रतिबद्धता की
जरूरत होगी ।"
उन्होंने कहा कि भारत को एक ऐसी सार्वजनिक-निजी
नागरिक परमाणु रणनीति की जरूरत है, जिसके तहत अच्छी, पारदर्शी नीतियां बनाई जाए,
जो बड़े पैमाने पर और प्रतिस्पर्धात्मक बिजली उत्पादन के लिए बुनियादी काम करें ।
भारत जब अपना नागरिक परमाणु उद्योग स्थापित करने के
मार्ग पर जा रहा है तो उसके लिए नागरिक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिकी अनुभव
बहुत प्रासंगिक है । अमेरिका विश्व में बिजली का सबसे बड़ा उत्पादक है और 19
प्रतिशत बिजली परमाणु ऊर्जा से बनाई जाती है । अमेरिका की परमाणु ऊर्जा पैदा करने
की क्षमता विश्व में पहले नंबर पर है, जो विश्व के कुल उत्पादन का 27 प्रतिशत है ।
विश्व में सबसे अधिक परमाणु रियेक्टर अमेरिका के पास हैं, जो विश्व में रियेक्टरों
की कुल संख्या का 24 प्रतिशत है । अमेरिका अन्य बड़े देशों की तुलना में परमाणु
ऊर्जा का उत्पादन करीब आधी या एक-तिहाई लागत पर करता है । इसके अतिरिक्त, आम धारणा
के विपरीत अमेरिकी नागरिक परमाणु अभियांत्रिकी कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय नागरिक
परमाणु अभियांत्रिकी में सबसे आगे रही हैं । उन्होंने अमेरिकी परमाणु ऊर्जा को
आधुनिक और उन्नत बनाया है और इसे विश्व में सबसे ज्यादा सक्षम और प्रतिस्पर्धात्मक
रखा है ।
राजदूत मलफोर्ड ने कहा कि अमेरिकी कंपनियां सही
स्थितियों में व्यावसायिक परमाणु ऊर्जा उद्योग में भारत के साथ भागीदारी और व्यापार
करने की इच्छुक हैं । अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय भारत में अमेरिकी मिशन के सहयोग से
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद के साथ मिलकर 3 से 9 दिसंबर तक नई दिल्ली, हैदराबाद और
मुंबई में एक व्यापार मिशन का सह-नेतृत्व करेगा । इस व्यापार मिशन का उद्देश्य
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिकी प्रौद्योगिकी, विशेषज्ञता और जानकारी को
प्रोत्साहन देना है ।
राजदूत मलफोर्ड ने कहा, "अमेरिकी सरकार और अमेरिका का निजी उद्योग भारत के फलते-फूलते ऊर्जा क्षेत्र और
विशेषकर इसके परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहायता देने के लिए भारत के साथ सहयोग
बढ़ाना चाहते हैं ।"