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Miniature flags placed at graves at Arlington National Cemetery, 23 May 2008
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बहुत से देशों की तरह अमेरिका भी साल में एक बार उनके बलिदान का सम्मान करने के लिए ठहर जाता है, जो सैन्य सेवा के जरिये इसकी रक्षा करते हुए मारे गए । यह परंपरा प्राचीन है और इससे पेरिकल्स द्वारा अपने साथी एथेंसवासियों की भर्त्सना को याद किया जाता है कि युद्ध में मारे गए उनके लोग शहर के लिए बहुमूल्य थे और जरूरी नहीं कि जीवित लोगों में ज्यादा साहसी भावना हो ।
सोमवार, 26 मई को स्मृति दिवस में अमेरिका भर के समुदायों में इन्हीं विषयों पर भाषण होंगे और एक पल का मौन रखा जाएगा । फ्लैंडर्स फील्ड्स के फूलों की तरह सैन्य कब्रगाहों में कब्रों के बीच छोटे झंडे दिखाई देंगे और शहीदों के परिवार उनकी याद में वहां रुकेंगे ।
केवल समारोह न होकर यह दिन जीवित लोगों द्वारा उन अमेरिकियों के प्रति ऋण चुकाने का प्रतीक है, जिन्होंने अपने देश की आजादी सुनिश्चित करने के लिए आत्मबलिदान दिया था । कुछ युद्ध में मारे गए थे, कुछ रोग से मरे थे । कुछ अन्य विदेशी जेलों में खो गए और कभी नहीं लौटे । ज्यादातर बहुत कम उम्र में अपने देश के आदर्शों और स्वतंत्रताओं की रक्षा करते हुए मारे गए, शायद उससे भी पहले कि उन्हें उनकी पूरी तरह सराहना करने का अवसर नहीं मिला । लाखों लोग उत्तर अफ्रीका, यूरोप, प्रशांत, एशिया और मध्य-पूर्व में अन्यों को आजाद करने के लिए लड़ते हुए भी मारे गए ।
स्मृति दिवस किसी एक युद्ध या लड़ाई का सम्मान नहीं करता । इसका अर्थ साहसी स्मारकों और भव्य प्रतिमाओं से बढ़ कर है । यह एक आभारी देश द्वारा यह स्वीकार करना है कि उसकी स्वतंत्रता की रक्षा में कुर्बान हुई जिंदगियां और खून कभी बेकार नहीं जाता ।