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A general view shows the reactor building of the Bushehr nuclear power plant, in southern Iran (File) |
रूस ने ईरान के बुशेहर पावर स्टेशन के लिए परमाणु ईंधन की पहली खेप भेज दी है । वर्ष 2005 के समझौते के तहत रूस ईरान के परमाणु केंद्र से उपयोग में आ चुके ईंधन को वापस ले लेगा । इससे ईरान को परमाणु हथियार बनाने के लिए ईंधन के उपयोग से रोका जा सकता है ।
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने रूस के इस कदम का स्वागत किया है । उन्होंने कहा –
“अगर रूस यह करने को तैयार है तो ईरान को यूरेनियम संवर्धन करना सीखने की कोई जरूरत नहीं है । मैं रूस के इस कदम के पक्ष में हूं । अगर ईरान यह स्वीकार करता है कि यह यूरेनियम नागरिक न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए है तो उन्हें उसे संबर्धित करना सीखने की जरूरत है ही नहीं ।”
श्री बुश ने कहा है कि ईरान अभी भी खतरा बना हुआ है क्योंकि वहां की सरकार राष्ट्र संघ की मांगों को मानने व यूरेनियम संवर्धन व प्रसंस्करण कार्यक्रम को बंद करने से इनकार कर रहा है । संवर्धित यूरेनियम का प्रयोग नागरिक उर्जा कार्यक्रम के साथ साथ न्यूक्लियर बम बनाने के लिए जरूरी विखंडनीय पदार्थों के उत्पादन में भी किया जा सकता है । एक ताजा अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान कई वर्षों से चोरी छिपे परमाणु हथियार कार्यक्रम चलाता आ रहा था लेकिन अंतर्राष्ट्रीय निगरानी व दबाव की वजह से उसने वर्ष 2003 में उसे बंद कर दिया । श्री बुश ने कहा है कि ईरान अभी भी खतरनाक देश बना हुआ है । उन्होंने कहा –
“मैं मानता हूं कि अगर उनके पास परमाणु हथियार लग गया तो वे उथल पुथल मचा सकते हैं । तब हमें उनकी उस चेतावनी को गंभीरता से लेना होगा जो उन्होंने हमारे एक सहयोगी देश इस्राइल के लिए दी है । इसलिए ईरान को लेकर मेरा नजरिया नहीं बदला है । अगर कोई हथियार बनाने के लिए कभी कोई कार्यक्रम चला रहा था तो यह गारंटी कौन दे सकता है कि वह कल उसे फिर शुरू नहीं करेगा । चूंकि उन्होंने अपने कार्यक्रम को छुपाने की कोशिश की, तो सवाल है कि हमें पता कैसे चलेगा ।”
राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद के सदस्य अभी तीसरे प्रस्तान पर विचार कर रहे हैं । यह प्रस्ताव पारित हो गया तो ईरान पर नए प्रतिबंध लग सकते हैं । राष्ट्रपति बुश ने कहा है कि ईरानी सरकार के फैसले वहां की जनता की अपने सपनों को पूरा करने की आकांक्षा के सामने कठिनाइयां पैदा कर रहे हैं । उससे अलग एक दूसरा रास्ता भी है । हम अपने दोस्तों व सहयोगी देशों के साथ ईरान को यह समझाने की कोशिश जारी रखेंगे कि यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को बंद करना उनके हित में है ।