अमेरिकी गठबंधन फौजों ने एक प्रमुख तालिबानी कमांडर को मार गिराया है । समझा जाता है कि मार्च महीने में इटली के पत्रकार डेनियल मेस्ट्रोजियाकोमा के अपहरण और उसके दो अफगानी सहायकों की हत्या में उसका हाथ था । तालिबान नेता मुल्ला साइनी एक हवाई हमले में मारा गया है । अफगान सुरक्षा बलों ने हेलमंड प्रांत के मूसा कालेह जिले को फिर से अपने कब्जे में लेने के लिए यह अभियान चलाया था ।
नाटो के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सहायता बल के अनुसार अब तालिबान के कब्जे में देश के सिर्फ 59 जिले बच गए हैं । अफगान सेना और पुलिस बल देश को उनसे सुरक्षित बनाने में बढ़-चढ़ कर भूमिका निभाने लगे हैं ।
उन्होंने हाल में मज़ार-ए-शरीफ क्षेत्र में अपनी कुशलता दिखाई । तालिबान उग्रवादियों द्वारा हमलें और लूटपाट शुरू किये जाने के पहले यह क्षेत्र अपेक्षाकृत शांत रहा था । स्थानीय निवासियों ने अफगान सरकार से मदद की अपील की । इसके जवाब में 600 अफगान सैनिक और 250 अफगान पुलिस अधिकारियों ने आईएसएएफ की मदद से तालिबान के खिलाफ कार्रवाई शुरू की । इस अभियान में 50 उग्रवादी मारे गए या घायल हो गए और कई प्रमुख तालिबानी सदस्य पकड़ लिये गए । सैन्य टुकड़ी के कमांडर, अमेरिकी कर्नल एडवर्ड डैली ने अफगान बलों के प्रशिक्षण में मदद की । इन्हीं बलों ने मजार-ए-शरीफ अभियान में भाग लिया । उन्होंने कहा कि उन्होंने अच्छा कौशल दिखाया । उन्होंने कहा-
“इस अभियान का नेतृत्व अफगानियों ने किया । मैं सिर्फ सेना की बात नहीं कर रहा । हर कार्रवाई में पुलिस और सेना ने मिलकर काम किया । ”
अफगान सेना के 209वीं कोर के कमांडर, मेजर जनरल मुराद अली ने एक अनुवादक की मदद से बोलते हुए कहा, वे और उनके सैनिक अमेरिकी सहायता के लिए उनके शुक्रगुजार हैं । उन्होंने यह भी कहा कि उनके देश की सेना दुश्मन के गढ़ में घुसकर उनसे सीधे लोहा ले रही है । उन्होंने कहा-
“अफगान राष्ट्रीय थल सेना, जिसमें अफगानिस्तान के सभी समुदायों के लोग शामिल हैं, अभी विकास की प्रक्रिया से गुजर रही है । वह अफगानिस्तान के दुश्मनों से लड़ने के लिए सारी कुशलताएं हासिल कर रही हैं ।”
अमेरिकी सेना के कर्नल एडवर्ड डैली ने कहा- युद्ध में आपको कौशल दिखाना होता है और अफगानी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं ।