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08 मई  2009 

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पाकिस्तान-अफगानिस्तान सुरक्षा सहयोग
11/08/2007

Pakistani Prime Minister Shaukat Aziz, left, and Afghan President Hamid Karzai attend meeting to discuss rising border violence, 09 Aug 2007
Pakistani Prime Minister Shaukat Aziz, left, and Afghan President Hamid Karzai attend meeting to discuss rising border violence, 09 Aug 2007
600 से ज़्यादा अफगान और पाकिस्तानी प्रतिनिधि, जिनमें सरकारी अघिकारी, धार्मिक नेता, और कबीलाई नेता शामिल हैं, अफगानिस्तान की राजधानी, काबुल में संयुक्त शांति जिरगा या परिषद में भाग ले रहे हैं । जिरगा का उद्देश्य सुरक्षा मुद्दों पर, जिनमें आतंकवाद और नशीली दवाओं के अवैध व्यापार के मुद्दे भी शामिल हैं, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बेहतर सहयोग को बढ़ावा देना है ।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने कहा कि हिंसक चरमपंथ दोनों देशों के लिए खतरा है । श्री करज़ई ने कहा, “अगर समस्या अफगानिस्तान की तरफ से है, तो हमें इसे हल करने के उपाय तलाशने चाहिए । अगर समस्या पाकिस्तान में है, तो हमें इसका समाधान तलाश करना चाहिए ।” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शौकत अज़ीज़ ने जिरगा को बताया कि “आतंकवाद, उग्रवाद, अल-कायदा द्वारा प्रचारित हिंसक गतिविधियां, चरमपंथ और तालीबानीकरण हमारे समाज के दर्द, असहिष्णुता और पिछड़ेपन को और उस बुराई को दर्शाता है, जिसने हमारे महान धर्म, इस्लाम को बेइज़्ज़त किया है ।” श्री अज़ीज़ ने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान को “इन दुष्ट ताकतों से दृढ़ता और संकल्प के साथ लड़ना चाहिए ।”

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता,सान मैककोरमैक ने संयुक्त शांति जिरगा के बारे में टिप्पणी कीः

“राजनय के लिहाज से प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और यह महत्वपूर्ण है । दोनों (अफगान राष्ट्रपति करज़ई और पाकिस्तानी राष्ट्रपति मुशर्रफ) का हित इस प्रक्रिया की सफलता में है और हिंसक चरमपंथ से लड़ने के लिए अफगानिस्तान

और पाकिस्तान के बीच ज़्यादा सहयोग होना दोनों के हित में है ।”

राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा कि अमेरिका आतंकवादी खतरे से लड़ने के लिए पाकिस्तान को सहयोग दे रहा हैः

“राष्ट्रपति मुशर्रफ के साथ बातचीत में मैंने उन्हें याद दिलाया है कि हमारे साझे शत्रु हैः चरमपंथी और कट्टरपंथी, जो हमारे समाज को नुक्सान पहुंचाना चाहते हैं, उनके मामले में वे उन्हें मारना चाहते हैं और यह कोशिश कर भी चुके हैं । मैंने उनसे साफ कह दिया है कि खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान में मैं उनसे पूरे सहयोग की उम्मीद करता हूं और मैं मानता हूं कि हमारे बीच खुफिया सूचनाओं का अच्छा आदान-प्रदान हो रहा है ।”

राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दियाः

 “मुख्य समस्या चरमपंथ से लड़ने की है, इसे पहचानने के लिये इतिहास ने हमें यह काम सौंपा है । ”

श्री बुश ने कहा कि चरमपंथियों और कट्टरपंथियों से लड़ कर अमेरिका और उसके सहयोगी शांति को बढ़ावा दे सकते हैं ।                                            


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