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आतंकवादियों पर कार्यवाही के अमेरिका के विकल्प
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By अंशुमान आपटे
07/12/2008
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| U.S. Secretary of State Condoleezza Rice (file photo) | अमेरिकी विदेश नीति के जानकार इस बात से इन्कार नही करते कि पाकिस्तान को लश्कर के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए ४८ घंटों की समय सीमा दी गई है. वॉशिंगटन डी सी स्थित अमेरिकन यूनिवर्सिटी में आंतर्राष्ट्रीय मामलों की अध्यापिका शालिनी वेंतुरेल्ली के अनुसार ऎसी समय सीमा के बिना पकिस्तान से किसी भी कार्यवाही की अपेक्षा नहीं की जा सकती. लेकिन उनका मानना है, कि ऎसी समय सीमा दिए जाने की बात अधिकृत स्तर पर कोई भी नहीं कहेगा.
समाचार माध्यमों मे अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस का ये बयान भी छपा था की अगर पाकिस्तान लश्कर के खिलाफ कार्यवाही नही करता तो अमेरिका करेगा. विदेश नीति विशेषज्ञ इस सम्भावना को खारिज नही करते. इस बारे में टिप्पणी करते हुए शालिनी वेंतुरेल्ली कहती हैं, कि अगर आतंकवादियों के बारे में निश्चित सूचना मिलती है...खुफिया जानकारी मिलती है, तो ऐसी स्थिति में अमेरिका ऐसी कार्यवाही कर सकता है. लेकिन इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, ये सुनुश्चित करने के लिए कि बेकसूरों के जानो माल का नुकसान ना हो.
लेकिन साथ ही जानकार यह भी मानते हैं की अमेरिका पूरी कोशिश कर रहा है कि मौजूदा तनाव हाथ से बाहर न हो. इसीलिए वह भारत और पकिस्तान दोनों के साथ मिलकर इस समस्या का निराकरण करने की कोशिश करेगा. जानकारों की आम राय है कि अमेरिका आतंवादियों पर कार्यवाही तो चाहता है, लेकिन ये नहीं चाहता कि पकिस्तान अस्थिर हो और इस संतुलन को बनाये रखना इस समय अमेरिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.
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