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अफगानिस्तान को सर्दियां शुरू होने से पहले खाद्य सहायता पहुंचाने की कोशिशें शुरू

17/10/2008

 

(संवाददाता, वी.ओ.ए न्यूज़)

Afghan men wait in line to recieve staple goods during the distribution of food from the World Food Programme (WFP) in Kabul (File)

अफगान अधिकारी उन सुदूर इलाकों में भोजन पहुंचाने के लिए समय के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं, जो पहली बर्फबारी होने के बाद जल्दी ही शेष इलाकों से कट जाएंगे । काबुल से वी.ओ.ए संवाददाता स्टीव हर्मन ने खबर दी है कि यह चुनौती सुरक्षा चिंताओं, खराब फसल और खाद्य पदार्थों के बढ़ते मूल्यों के कारण और जटिल हो गई है ।

 

अफगानिस्तान की सरकार ने कहा है कि उसके पास अपने लाखों नागरिकों तक भोजन के भंडार पहुंचाने के लिए कुछ ही हफ्तों का समय है, जो सबसे कठोर और सबसे अधिक भूख से बेहाल सर्दियों का सामना कर सकते हैं ।

 

इनमें से कुछ ग्रामीण समुदायों के लिए खाद्य पदार्थों की खेप भेजी जा रही है, लेकिन चिंता यह भी है कि तालिबान ऐसे काफिलों पर हमला कर सकता है । राष्ट्र संघ ने तालिबान से ऐसे मानवीय मिशन के रास्ते में बाधा न डालने की अपील की है ।

 

देश के कार्यकारी कृषि मंत्री गुलाम मुस्तफा जावेद ने वी.ओ.ए को इंटरव्यू देते हुए चेतावनी दी कि आने वाले महीनों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मिला दान और घरेलू भंडार विश्व के सबसे गरीब देशों में से एक की जरूरत पूरी करने के लिए कम पड़ सकते हैं ।

 

श्री जावेद ने कहा कि शायद ये संसाधन, इन संसाधनों से हासिल की जाने वाली सहायता अफगानिस्तान के सभी लोगों की समस्या हल करने के लिए पर्याप्त नहीं है ।

 

ब्रिटिश परोपकारी संगठन, ऑक्सफेम ने मानवीय संकट की संभावना से आगाह करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान और राष्ट्र संघ ने 40 करोड़ डॉलर से अधिक की अपील की थी, जो इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बहुत कम है ।

 

पाकिस्तान अफगानिस्तान को गेहूं और अन्य बुनियादी खाद्य पदार्थ भेजने वाला सबसे बड़ा स्रोत है, लेकिन उसने खाद्य निर्यात में बहुत अधिक कटौती कर दी है ।

 

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अफगानिस्तान की करीब एक-तिहाई आबादी, 90 लाख नागरिकों को अगले वर्ष की फसल आने तक भोजन मुहैया कराने का वायदा किया है । पिछले कुछ वर्षों में उसने जितने लोगों की सहायता की है, उससे यह संख्या दोगुनी है ।

 

कार्यकारी कृषि मंत्री जावेद का कहना है कि यह बहुत बुरा वर्ष रहा है । बहुत लंबी और शुष्क सर्दियों के बाद बसंत और गर्मी में सूखे के कारण कृषि बुरी तरह प्रभावित हुई और बहुत अधिक संख्या में मवेशी मारे गए । उन्हें चिंता है कि आगामी सर्दियां इस संकट को बढ़ा सकती हैं ।

 

उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी समस्या है, जिसका असर अनाज के उत्पादन और अन्य फसलों पर तथा मवेशियों पर भी पड़ा है ।

 

उन्होंने कहा कि हालांकि हाल ही में अनाज के मूल्यों में गिरावट आई थी, लेकिन उन्हें लगता है कि दो-तीन महीनों में उनकी कीमतों में फिर से भारी वृद्धि हो सकती है । कुछ बुनियादी खाद्य पदार्थों की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में 250 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं । इस दौरान उन लोगों की, जो सौभाग्यशाली हैं कि कमा रहे हैं, आय नहीं बढ़ी है ।

 

ज्यादातर विशेषज्ञों को आशा है कि अफगानिस्तान अकाल से बच सकता है, लेकिन उनका कहना है कि लाखों भूखे अफगान नागरिकों के लिए सर्दियां बहुत लंबी और कठिन होंगी ।

 

 

 

 

 

 

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