कहां तो हिलेरी और बिल क्लिंटन बराक ओबामा के साथ खड़े होकर चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे और कहां स्टेज पकड़ा तो छोड़ने का नाम ही नहीं लिया। बेचारे ओबामा बस देखते ही रह गए। और राष्ट्रपति बुश ने चीन को मानवाधिकारों के मामले में ख़ूब आड़े हाथों लिया लेकिन कमाल ये कि ख़ुद खड़े हुए ग्वांतानामो जेल की दीवार पर। राजनीती की इन सच्चाइयों को दरशाने के लिए जहाँ अखबारों में कई लेख आ चुके हैं, वहीं कुछ लोग इन्हे बताने के लिए सहारा ले रहे हैं कारटूनस का. वॉशिंगटन डी. सी. के नेशनल प्रेस क्लब में ऐसे ही कारटूनस की नीलामी हाल में आयोजित की गयी थी. और इन कारटूनस को खरीदने के लिए लोगों की भीड़ लगी.
बाज़ार का बुरा हाल भी कारटूनस में ख़ूब झलका। लेकिन तंगहाली पर कारटूनस ख़रीदने में लोगों ने तंगी नहीं दिखाई। सबसे ज्यादा कीमत हासिल की उस विवादास्पद कारटून ने जिसमे बराक ओबामा को ओसामा बिन लादेन के भेस में और उनकी पत्नी मिशेल ओबामा को एके 47 के साथ दिखाया गया था। ये नीलाम हुआ 1800 डॉलर्स यानि करीब 90,000 रुपयों में। दरसल ये कारटून अमेरिका के प्रसिद्द न्यू योर्कर पत्रिका में छपा था. ओबामा पर चुनाव प्रचार के दौरान अरब समुदाय के होने का आरोप कुछ लोग लगा रहे थे और ये दुष्प्रचार करने की कोशिश कर रहे थे, की ओबामा मुसलमान हैं और इसीलिए अमेरिका की सुरक्षा को ख़तरा हो सकते हैं. अमेरिकी जनता ने इस पर विश्वास नहीं किया और ओबामा को पूरी तरह से अपना समर्थन दिया. हालाकि इस परिस्थिती पर भाष्य करने के लिए इसे बनाने वाले का मकसद ओबामा पर चुनाव प्रचार के दौरान ओबामा पर हो रहे आरोपों की आलोचना करना था लेकिन कई लोगों को ये वर्णभेदी और दुरभावना से भरा लगा था.
इसे खरीदने वाले डेविड रैप जो खुद एक पत्रकार हैं, समजते हैं की ये कारटून इतना महत्वपूर्ण है की इसे खरीदने के लिए चुकाई कीमत कम ही है.
ख़ास बात ये है कि कारटूनस की बिक्री से जमा राशि सामाजिक कार्य के लिए दान में दी जायेगी।