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विश्व का बढ़ता तापमान हिमनदियों के भविष्य के लिए खतरे का सूचक
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17/12/2008
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पन बिजली और पीने के पानी की प्रणालियां ऊंचे स्थानों की हिमनदियों पर आधारित रहीं है, लेकिन अब ये, दिन पर दिन छोटी होती जा रहीं हैं. वैज्ञानिकों का मानना है विश्व का बढ़ता तापमान ही वह कारण है जिसकी वजह से ऐंडीस पर्वत श्रृंखला में हिमनदियां पहले कभी की अपेक्षा अधिक तेज़ी से संकुचित हुईं है.
इक्वाडोर में जिस गति से हिमानदियां पिघल रहीं हैं उससे पन बिजली कारखानों और जल प्रणालियों के लिए खतरा पैदा हो गया है क्योंकि इनको जल मिलने का जरिया ये हिमनदियां ही हैं. इसलिए विश्व बैंक की सहायता से स्थानीय शोधकर्ताओं ने नए प्रयास शुरू किए हैं और ये लोग स्थिति पर नजर रखते हुए उस क्षेत्र के निवासियों से आग्रह कर रहे है कि वह इस महत्वपूर्ण जल सप्लाई की सुरक्षा पर ध्यान दें.
इसका परिणाम यह हुआ है कि महीने में एक बार जल सेवाओं से जुड़े कर्मचारी Antizana ज्वालामुख़ी क्षेत्र में जाते हैं. तकनीकी विशेषज्ञ अब दर्जनों निरीक्षण केन्द्रों का दौरा कर रहे हैं विशाल क्षेत्र में फैले हिमनदी के सबसे ऊचें क्षेत्र में, बह रहे जल के आकंडे एकत्र करते हैं, उन्हे कम्पूटर पर डालकर जल प्रवाह के स्तर का आंकलन करते हैं.
दरअसल ये तकनीकी विषेशज्ञ ये जानना चाहते हैं कि हिमनदियां कितने संकट में हैं, वर्षा का कितना जल और बरफ पिघल कर एक्वेडोर के राजधानी शहर कुइतो की जल सप्लाई में भर गया है, उसमे संतुलन लाना शहर के भविष्य के लिए नितांत आवश्यक है. पूरे वर्ष की जल सप्लाई का प्रमुख साधन ये विशाल जलाशय ही है, जिसे हिमनदी से जल प्राप्त होता है. ये सुनिश्चित करने के लिए इस बात पर बराबर नज़र रखी जा रही है कि जल का किसी प्रकार अभाव न हो.
राजधानी कुइतो की बढ़ती आबादी ने भी जल की उपयोगिता पर दबाब डाला हैं. लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि क्या विश्व का बढ़ता तापमान अंततः Antizana और एन्डीज़ पर्वत श्रृंखला की हिमनदियों को बिल्कुल ख़त्म कर देगा.
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि ऐसी ही स्थित बोलीविया और पेरू की हिमनदियों के साथ भी है. कुछ वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि ये हिमनदियां ३० वर्षों के अन्दर पूरी तरह गायब हो जायेंगी. विश्व बैंक की सहायता से काम कर रहे विशेषज्ञ नुनेज़ का कहना है जल एक ऐसी चीज़ है जिसके लिए हर जगह के लोगों को अब पृथ्वी के सीमित संसाधनों को संरक्षित करना होगा.
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