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This television grab from NDTV shows one of the sites of a series of bomb blasts which tore through crowded markets in the northwestern Indian city of Jaipur, 13 May 2008 |
पश्चिमी भारत के जयपुर शहर में 13 मई को हुए आतंकवादी हमले में कम-से-कम 80 लोग मारे गए और 200 से ज़्यादा घायल हो गए । जयपुर के प्रसिद्ध हवा महल सहित ऐतिहासिक स्मारकों के पास, भीड़-भरे इलाकों में 8 बम विस्फोट हुए ।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शॉन मैककोरमैक ने एक बयान जारी करके इन हमलों की भर्त्सना की । श्री मैककोरमैक ने कहा, “हमारे विचार और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं और हम भारत सरकार और जनता के प्रति गहरी सहानुभूति प्रकट करते हैं ।” उन्होंने कहा, “निर्दोष लोगों की हत्या को उचित नहीं ठहराया जा सकता ।”
आतंकवाद पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 2007 के दौरान, भारत विश्व के आतंकवाद से सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों में बना रहा । जम्मू और कश्मीर में संघर्ष, पूर्वी और मध्य भारत में चरम वामपंथी नक्सलवादियों और माओवादियों के हमलों, उत्तर-पूर्वी राज्यों में जातीय-भाषाई राष्ट्रवादियों के हमलों तथा देश भर में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा किये गए आतंकवादी हमलों में 2,300 से अधिक जानें गईं ।
भारत सरकार ने 2007 में हुए कई आतंकवादी हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथियों को दोषी ठहराया, जिनमें 19 फरवरी को नई दिल्ली और लाहौर, पाकिस्तान के बीच मैत्री रेल सेवा पर हमला, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे, 18 मई को हैदराबाद में मक्का मस्जिद पर बम विस्फोट, जिसमें 11 लोग मरे थे, 25 अगस्त को हैदराबाद के मनोरंजन पार्क तथा बाज़ार में हुए बम विस्फोट, जिसमें दर्जनों जानें गई थीं, 11 अक्टूबर को अजमेर, राजस्थान में सूफी मज़ार पर हुए विस्फोट, जिसमें तीन लोग मरे थे, 14 अक्टूबर को लुधियाना, पंजाब के एक सिनेमा में हुए बम विस्फोट, जिसमें 7 लोग मारे गए थे, और 23 नवंबर को लखनऊ, वाराणसी तथा फैज़ाबाद में हुए विस्फोट, जिनमें 13 लोग मारे गए थे, शामिल हैं । अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन हमलों में मुसलमान और हिंदू, दोनों ही मारे गए और शायद ये हमले चरमपंथियों ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच आक्रोश भड़काने की आशा से किये थे ।
भारत में अमेरिकी राजदूत, डेविड मलफोर्ड भारत के विदेश सचिव, शिव शंकर से मिले और जयपुर में हुए आतंकवादी हमलों की जांच में भारत सरकार को अमेरिकी सहायता देने की पेशकश की । उन्होंने कहा, “हमने सरकार से कहा कि हम हर संभव तरीके से उनकी मदद करने के इच्छुक हैं ।”
एक लिखित बयान में, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शॉन मैककोरमैक ने कहा, “अमेरिका भारत की सरकार और लोगों की आतंकवाद के संकट को खत्म करने की उनकी लड़ाई में और एक खुला, शांतिपूर्ण तथा समृद्ध समाज सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ है ।”