पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ द्वारा लगाए गए आपत्कालीन शासन के दौरान हिरासत में लिये गए करीब 3,400 लोगों को रिहा कर दिया है । पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता जावेद इकबाल चीमा ने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि हिरासत में लिये गए बाकी करीब 2,000 लोगों को कब रिहा किया जाएगा ।
इस बीच आपत्कालीन शासन लागू है और गिरफ्तारियां जारी हैं । आपत्कालीन शासन और मीडिया पर लगे प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 100 से अधिक पत्रकारों को कराची और हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया । इनमें से अधिकतर को बाद में रिहा भी कर दिया गया । लाठियों से लैस पुलिस ने कराची प्रेस क्लब के बाहर हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को तितर-बितर कर दिया । खबर के अनुसार, लाठीचार्ज में 5 पत्रकार घायल हो गए । अख़बारों के संपादकों ने कहा है कि सरकार की मुखालिफत की आवाज को कुंद करने के लिए उन पर पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा दबाव डाला जा रहा है । अभी भी अधिकतर निजी टेलीविजन न्यूज़ चैनलों का प्रसारण रुका हुआ है ।
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John Negroponte (file photo) |
अमेरिकी उप विदेश मंत्री निग्रोपोंटे ने पाकिस्तान को लेकर अमेरिकी चिंता पर चर्चा के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुशर्रफ से मुलाकात की । श्री निग्रोपोंटे ने कहा कि अमेरिका हिरासत में लेने की कार्रवाई और मीडिया पर लगे प्रतिबंधों का अंत चाहता है । उन्होंने कहा-
“मैंने पाकिस्तान की सरकार से इस तरह की कार्रवाई बंद करने एवं सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का अनुरोध किया है । आपत्कालीन शासन के रहते स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव संभव नहीं हैं ।”
उन्होंने कहा कि विश्वसनीय चुनावों की कसौटी यह है कि राजनीतिक पार्टियां, नागरिक एवं मीडिया की उसमें सक्रिय भागीदारी हो । श्री निग्रोपोंटे ने श्री मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो और अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से, राजनीतिक सुलह की दिशा में चल रहे प्रयास बढ़ाने की अपील की । उन्होंने कहा
“पूर्व में दोनों पक्ष सुलह की जिस तरह की चर्चा में लगे थे, दोनों पक्ष फिर उसी स्थिति में वापस जाएं तो हमारा मानना है कि यह एक सकारात्मक बात होगी । इससे देश का राजनीतिक माहौल सुधर सकता है ।”
श्री निग्रोपोंटे ने कहा कि अगर पाकिस्तान वहां के उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत और अन्य जगहों पर खून-खराबा करने वाले उग्रवादियों पर हावी होना चाहता है तो सुलह और नागरिक प्रशासन की वापसी बेहद जरूरी है । उन्होंने कहा कि हिंसक उग्रवाद को रोकने के मामले में किसी भी देश के लिए सबसे अच्छा रास्ता यह है कि वह एक नरमपंथी राजनीतिक केन्द्रीकरण विकसित करे और उसे पोषित करे । उन्होंने कहा कि टकराव और बेकाबू स्थिति पैदा करने की जगह सभी पार्टियों को संवाद का सहारा लेना चाहिए ।