विश्व की अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी के संकटपूर्ण दौर में है, इस तथ्य के प्रमाण ज़्यादा से ज़्यादा मिलने लगे हैं. योरोप और एशिया के देशों से और अधिक निराशापूर्ण वित्तीय समाचार मिल रहे हैं.
जर्मनी की सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश पिछले पाँच वर्षों में पहली बार औपचारिक तौर पर आर्थिक मंदी के दौर में आ चुका है, और कि सन २००८ की तीसरी तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था आधा प्रतिशत कम विकास दर का शिकार हुई है. यह स्थिति लगातार दूसरी तिमाही में पेश आई है. इस गिरावट के लिए घटते निर्यात को दोष दिया जा रहा है.
जर्मनी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और योरोप में इसका स्थान सब से ऊपर है.
एशिया में प्रमुख सूचकांक बुधवार को वाल स्ट्रीट में हुई भारी शेयर बिक्री और अमेरिका सरकार द्वारा ७०० अरब डॉलर की वित्तीय संकट निवारण योजना का रूप बदल देने के निर्णय के बाद बहुत नीचे जा गिरा है.
इस बीच पेरिस स्थित आर्थिक सहकार तथा विकास संगठन ने कहा है कि विश्व के अन्य विकसित देश भी आर्थिक मंदी की मार झेल रहे हैं जिसका सामना उन्हें लंबे समय तक झेलना पड़ेगा.
विश्व के २० सबसे बड़े उद्योग संपन्न और उभरते देशों के नेता आगामी शनिवार को यहाँ वॉशिंगटन में अर्थव्यवस्था की चिंताजनक स्थिति पर वार्ताएं करने वाले हैं.