अमेरिका ने 9-11 के हमलों के बाद पाकिस्तान को करीब
5.6 अरब डॉलर का भुगतान किया है, जिसे गठबंधन सहायता अनुदान, कोअलीशन सपोर्ट फंड्स
कहा जाता है । अपनी जांच में सरकारी जवाबदेही कार्यालय को कई ऐसे मामलों का पता
चला, जहां बुश प्रशासन ऐसे भुगतानों का स्पष्टीकरण या लेखा-जोखा प्रस्तुत नहीं कर
सका । इनमें लाखों डॉलर सड़क निर्माण के लिए दिये गए थे, लेकिन कोई सबूत नहीं है
कि सड़कों का निर्माण किया गया और पाकिस्तानी सेना को खर्चों का भुगतान किया गया,
जो शायद दो बार किया गया होगा । श्री बेर्मेन ने कहा, "रिपोर्ट में दर्ज किया गया है कि अमेरिकी अनुदान का इस्तेमाल इस प्रमाण के बिना
किया गया कि उनसे आतंकवाद-विरोधी प्रयास किये गए । अमेरिकी सरकार से पाकिस्तान को
गैर-वृद्धि संबंधी हवाई रक्षा राडार रख-रखाव के लिए भुगतान करने के लिए कहा जा रहा
है, जबकि अल-कायदा के पास वायुसेना है ही नहीं । इन अनुदानों का उद्देश्य
चरमपंथियों के खिलाफ लड़ाई में सहायता देना है, न कि पाकिस्तान की पारंपरिक युद्ध
क्षमता को बढ़ाना ।"
मई के
आरंभ में विदेशी मामलों की समिति ने सरकारी जवाबदेही कार्यालय की एक पहली रिपोर्ट
के कुछ निष्कर्षों का अध्ययन किया, जो उसने अमेरिका-पाकिस्तान नीति के बारे में
कराई थी । श्री बेर्मेन ने कहा कि समिति यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रशासन
पाकिस्तान के आतंकवाद-विरोधी प्रयासों को दिये जाने वाले अनुदानों के लिए जवाबदेही
की संशोधित प्रणालियां लागू करे, इस मामले की बारीकी से जांच करती रहेगी।