अफगानिस्तान के लोगार प्रांत में आतंकवादियों ने लड़कियों के स्कूल कलय मीदान पर गोलियां बरसाईं, जिससे 2 अफगान लड़कियों की मौत हो गई और 6 अन्य घायल हो गईं । अफगान शिक्षा मंत्री हनीफ एतमार ने कहा कि जिन लोगों ने यह कायराना हमला किया है, वे देश के दुश्मन हैं ।
तालिबान निजाम के दौरान लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी गई थी और लड़कों की शिक्षा भी ज्यादातर धार्मिक शिक्षा तक सीमित थी । 2001 में तालिबान को सत्ता से हटाए जाने के बाद विद्रोहियों और अन्य चरमपंथियों ने अफगान अध्यापकों और स्कूली बच्चों, खासकर लड़कियों के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाया है । अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि 2006 में आतंकवादियों ने 180 से ज्यादा स्कूलों को नष्ट कर दिया । करीब 85 छात्रों और 40 से ज्यादा शिक्षकों की हत्या कर दी गई ।
अफगानिस्तान में राष्ट्र संघ बाल निधि की अधिकारी कैथरीन मबेनक्यू ने कहा कि स्कूलों में लड़कियों का नजर आना प्रगति का संकेत है और ऐसे लोग हैं, जो प्रगति से डरते हैं । सुश्री मबेनक्यू ने कहा कि शिक्षा को निशाना बनाकर ये हमलावर अफगान समाज के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहे हैं ।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने कहा है कि अफगान महिलाएं अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो रही हैं ।
"अफगान महिलाएं अफगान समाज और अफगान राजनीति में अपना सही स्थान हासिल करने के लिए बहुत उत्सुक हैं । वे संसद में मौजूद हैं । वे स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मौजूद हैं ।"
अफगान स्कूलों में 54 लाख से ज्यादा बच्चे हैं, जिनमें करीब 35 प्रतिशत लड़कियां हैं । 2002 के बाद 3,000 से ज्यादा स्कूलों का पुनर्निर्माण किया गया है, 6 करोड़ पाठ्य पुस्तकें छापी गई हैं और करीब 50,000 अफगान शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है । अमेरिका ने 2002 के बाद शिक्षा के क्षेत्र के लिए 28 करोड़ डॉलर से ज्यादा की सहायता देकर इस प्रगति को संभव बनाया है । अमेरिकी सहायता से बनाए गए या मरम्मत किये गए 650 से ज्यादा स्कूलों में काबुल का अध्यापकों का कॉलेज भी शामिल है । यह कॉलेज अब हर साल करीब 600 अफगान अध्यापकों को प्रशिक्षण देता है ।
वॉशिंगटन में अमेरिकी राजदूत विलियम वुड ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान को सुरक्षा, स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा और अन्य मूल जरूरतों के क्षेत्र में सहायता देता रहेगा । परंतु उन्होंने कहा कि अंत में अफगानिस्तान अफगानियों का है और अफगान लोगों की हिम्मत और दृढ़ता विजय की बुनियाद होगी ।