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10 जनवरी  2009 

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अमरीकी विदेश मंत्री कौंडोलीज़ा राइस- ब्रसल्स में नाटो की बैठक में 
09/12/2008

U.S. Secretary of State Condoleezza Rice, left, waves as she arrives at NATO headquarters in Brussels, Tuesday 02 Dec. 2008 
U.S. Secretary of State Condoleezza Rice, left, waves as she arrives at NATO headquarters in Brussels
अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने हाल में ही ब्रसल्स में नाटो की अपनी अन्तिम मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लिया. विदेश मंत्री राइस ने कहा कि शीत युद्ध के बाद बहुत से दायरों में यह विचार ज़ोर पकड़ गया था कि भविष्य में नाटो का कोई उद्देश्य होगा या नहीं. लेकिन हाल के वर्षों में नाटो ने जो संवेदी कार्य अपने ऊपर लिया है उसका उत्तर, कहना होगा, बड़ी गूंज के साथ 'हां' में रहा है.

सुश्री राइस ने कहा कि नाटो गठबंधन प्रगति करता रहा है, ख़ुद अपने में सुधार लाता रहा है और अपना नवीकरण करता रहा है. आज नाटो के २८ सदस्यों में से १२ देश भूतपूर्व बंदी देशों में से हैं जिनमें बाल्टिक राष्ट्र भी शामिल हैं जो पहले सोवियत संघ के साथ मिले हुए थे. इन नवीनतम सदस्यों ने नाटो की लोकतंत्र और स्थायित्व लाने के लक्ष्य की प्राप्ति की राह पर चलते रहने में सहायता की है.

यह मिशन अब नाटो को अपनी सीमाओं से भी परे ले गया है. सुश्री राइस ने कहा कि नाटो एक गठबंधन है जिसने अपनी क्षमताओं को बदल लिया है और नए लोकतंत्रों की सहायता करने का मिशन अपना लिया है. इसका एक उदाहरण अफगानिस्तान है जहां पिछले लगभग तीस वर्षों से गृह युद्ध चल रहा है और जो विश्व के निर्धनतम देशों में से एक है. विदेश मंत्री राइस ने कहा कि अफगानिस्तान में नाटो का मिशन जटिल, कठिन लेकिन आवश्यक है. नाटो इस मिशन के प्रति पूरी तरह से वचनबद्ध है. नाटो, इराकी सैनिक अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दे रहा है और दारफुर में राहत प्रयासों में भागीदार बना हुआ है.

विदेश मंत्री राइस ने कहा कि इस बात पर बल देना आवश्यक है कि नाटो के द्वार खुले हैं. जार्जिया और युक्रेन नाटो के सदस्य बनने की आकांक्षा रखते हैं, लेकिन पहले उन्हें अपने यहाँ बहुत से राजनीतिक और सैनिक सुधार करने होंगे. इस दिशा में नाटो इस बात पर सहमत हुआ कि नाटो-जार्जिया आयोग और नाटो-युक्रेन आयोग इन दोनों को नाटो की सदस्यता पाने पर खरा उतरने के लिए दोनों देशों की मदद करने हेतु अपने अपने प्रयास गहन कर देने चाहियें.

नाटो के सदस्यों ने इस विषय पर भी बातचीत की कि नाटो को जार्जिया पर आक्रमण के बाद रूस के साथ अपने संबंधों में आगे कैसे बढ़ना चाहिए. नाटो के महासचिव याप दि हूप शेफ़र ने कहा कि मित्र राष्ट्र, रूस के साथ शर्तबद्ध ढंग से निपटने पर सहमत हुए हैं. उन्होंने बल देकर कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि नाटो ने अपनी यह स्थिति बदल ली है कि रूस ने जार्जिया पर आक्रमण करने के लिए अनुपातहीन शक्ति का इस्तेमाल किया या नाटो की सीमाओं के निकट मिसलों की तैनाती के खिलाफ़ रूस की धमकी स्वीकार्य है.

विदेश मंत्री राइस ने कहा कि नाटो गठबंधन मानव इतिहास के अद्वितीय गठबन्धनों में से एक है. यह महान लोकतंत्रों का एक स्वैच्छिक गठबंधन है जो सुरक्षा और स्वतंत्रता दोनों के प्रति समान रूप से वचनबद्ध है. यही मूल्य इस बात का आश्वासन हैं कि भविष्य में भी नाटो अपनी अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका बराबर निभाता रहेगा.


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