![Condoleezza Rice (l) and Mahmoud Abbas at their joint press conference in Ramallah, 05 Nov 2007 Condoleezza Rice (l) and Mahmoud Abbas at their joint press conference in Ramallah, 05 Nov 2007](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110143030im_/http://www.voanews.com/hindi/images/ap_Condoleezza_Rice_Mahmoud_Abbas_195_eng_5nov07.jpg) |
Condoleezza Rice (l) and Mahmoud Abbas at their joint press conference in Ramallah |
एक सफल फिलिस्तीनी राज्य के लिए अनुकूल परिस्थितियों के निर्माण में आर्थिक विकास बहुत महत्वपूर्ण है । पैलेस्टीनियन बिजनेस एंड इनवेस्टमेंट फोरम के सदस्यों को 14 अक्तूबर को अमेरिकी चेम्बर ऑफ कॉमर्स में संबोधित करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कहा कि फिलिस्तीन का निजी क्षेत्र आर्थिक विकास के लिए वास्तविक उत्प्रेरक है । उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र जो रोजगार और आर्थिक अवसर मुहैया करा रहा है, वह फिलिस्तीनियों के जीवन और अपने बीच उग्रवाद को खत्म करने की उनकी लगातार जारी लड़ाई में बहुत फर्क लाएगा ।
फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री सलाम फयाद ने एक ऐसा माहौल तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जिसमें निजी क्षेत्र को फलने-फूलने का मुक्त रूप से मौका मिलेगा । उन्होंने निजी कर्ज के लाखों रुपये माफ कर दिये हैं । इसके अलावा उन्होंने बकाए सरकारी वेतन को भी खत्म कर दिया है । उन्होंने सुधार के ऐसे कदम शुरू किये हैं, जो सरकार की कुशलता बढ़ाएंगे । परिणाम स्वरूप, फिलिस्तीनी प्राधिकार निजी क्षेत्र के विकास को फैलाने के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं में निवेश करने की स्थिति में आ गया है ।
अमेरिका ने फिलिस्तीनी प्राधिकरण की कोशिशों को स्वीकार किया है और वह यह सुनिश्चित करने के प्रति वचनबद्ध है कि ये सुधार जारी रह सकते हैं । अमेरिका ने 2008 में फिलिस्तीनियों को जो कुल सहायता दी, वह करीब 60 करोड़ डॉलर है । उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी सरकार और एक टिकाऊ फिलिस्तीनी राष्ट्र की स्थापना, दोनों के प्रति हम वचनबद्ध हैं, इसका सबूत इससे मिलता है कि अमेरिका ने वर्ष 2009 के वित्तीय वर्ष में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की सहायता के लिए बजट में 15 करोड़ डॉलर का प्रावधान किया है ।
अमेरिका इस साल के अंत तक एनापोलिस प्रक्रिया के तहत विभिन्न पक्षों के बीच समझौता कराने के लिए जारी शांति वार्ताओं के प्रति भी वचनबद्ध है । अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह वायदा किया कि वह 60 साल पुराने संघर्ष को खत्म करने की दिशा में कोई कसर उठा नहीं रखेगी, ताकि फिलिस्तीनी सम्मान के साथ अपने देश में रह सकें और इस्राइली अपने एक सहयोगी के प्रति आश्वस्त होकर सुरक्षित मानसिकता के साथ जी सकें । नया फिलिस्तीनी राष्ट्र एक लोकतांत्रिक सहयोगी होगा और इस्राइल को एक पड़ोसी के रूप में स्वीकार करेगा ।