कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से पुष्टि करने लायक ढंग से मुक्त
कराने के उद्देश्य से छह-पक्षीय वार्ता 2003 में शुरू हुई थी । इसमें चीन के
नेतृत्व में भाग लेने वाले देश हैं- उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, जापान, रूस और
अमेरिका ।
26 जून को उत्तर कोरिया ने छह-पक्षीय प्रक्रिया के चीनी अध्यक्ष को अपने परमाणु
कार्यक्रमों के बारे में घोषणापत्र पेश किया था, जो वह 3 अक्तूबर, 2007 को
छह-पक्षीय द्वितीय चरण कार्रवाई समझौते के तहत करने के लिए सहमत हुआ था । इसके
बदले राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने उत्तर कोरिया का आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश
का दर्जा रद्द करने के अपने इरादे के प्रति कांग्रेस को सूचित किया था, लेकिन
राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया था कि रद्द करने की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के
लिए उत्तर कोरिया को पुष्टिकरण के सिद्धांतों तथा पुष्टिकरण की प्रक्रिया पर
समझौता करने के लिए सहयोग करना होगा ।
11 अक्तूबर को अमेरिका ने ऐलान किया कि उत्तर कोरिया पुष्टिकरण के कई उपायों
पर सहमत हो गया है, जो उत्तर कोरिया के गैर-परमाणुकरण कार्यों की पुष्टि के संबंध
में उल्लेखनीय सहयोग दर्शाते हैं ।
सहयोग और समझौतों तथा इस तथ्य पर कि उत्तर कोरिया ने आतंकवादी दर्जे से छूट
पाने के लिए जरूरी मानदंड को पूरा कर दिया है, अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा
राइस ने 11 अक्तूबर को उत्तर कोरिया को आतंकवाद के प्रायोजक देश के दर्जे से मुक्त
कर दिया । इस घोषणा के बाद उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु प्रतिष्ठानों को नाकाम
करने की प्रक्रिया फिर शुरू कर दी । इससे पता चलता है कि छह-पक्षीय वार्ता का ‘कार्रवाई के बदले
कार्रवाई’
का सिद्धांत कारगर रहा है ।
अमेरिका जापान की चिंताओं को, विशेषकर उत्तर कोरिया द्वारा अतीत में जापानी
नागरिकों का अपहरण करने से पैदा हुई चिंताओं को दूर करने के लिए जापान और उत्तर
कोरिया के बीच वार्ता में हाल ही में हुई प्रगति का स्वागत करता है । अमेरिका
उत्तर कोरिया से जापान की चिंताओं को अविलंब दूर करने का जोरदार आग्रह करता है और
अपहरण के मामले में जापान की स्थिति का पूर्ण समर्थन करता है । हम अपहृत
व्यक्तियों और उनके परिवारों की तकलीफें भूले नहीं हैं और कभी भूलेंगे भी नहीं ।
उत्तर कोरिया पर उसके 2006 में किये गए परमाणु परीक्षण, उसकी प्रसार
गतिविधियों, उसके मानवाधिकार हनन और उसके कम्युनिस्ट देश होने के नाते कई प्रतिबंध
लगे हुए हैं ।
अमेरिका उत्तर कोरिया के सभी परमाणु कार्यक्रमों और गतिविधियों को पुष्टि करने
लायक ढंग से समाप्त करने के लिए काम करता रहेगा और इस कार्य के पूरा होने तक
रुकेगा नहीं ।