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Condoleezza Rice |
विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने हाल ही में एक भाषण
में कहा था कि रूस और जॉर्जिया के बीच विवाद के कारण- विशेषकर जॉर्जिया और उसके
अलग हुए क्षेत्रों अबकाज़िया और दक्षिण ओसेशिया के बीच विवाद- जटिल हैं और सभी
पक्षों ने गलतियां और गलत आकलन किये थे ।
परंतु ये गलतियां और गलत आकलन भी रूस के एक
अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सीमा के पार पूर्ण स्तर पर हमला करने के फैसले को
उचित नहीं ठहरा सकते, जिसके कारण हजारों निर्दोष नागरिक अपने घरों से विस्थापित हो
गए । विदेश मंत्री राइस ने कहा कि रूस के नेताओं ने सैन्य कब्जा किया, जो
जॉर्जियाई क्षेत्र में बहुत अंदर तक फैला हुआ था और उस संघर्ष विराम समझौते का
उल्लंघन था, जो फ्रांस के राष्ट्रपति और यूरोपीय संघ के अध्यक्ष निकोलस सर्कोज़ी
की मध्यस्थता से हुआ था ।
उन्होंने कहा कि इस संकट के दौरान रूस के अन्य कदम
भी बहुत चिंताजनक रहे हैं । उसने जॉर्जियाई फौजों द्वारा कत्लेआम करने के गंभीर
आरोप लगाए, लड़ाई के दौरान अमेरिकी कार्रवाई के बारे में बेबुनियाद बयान दिये,
अबकाज़िया और दक्षिण ओसेशिया को मान्यता देकर एक संप्रभु देश का विघटन करने की
कोशिश की, उसने कहा कि वह अपने स्वतंत्र पड़ोसियों से किस तरह का व्यवहार करता है,
यह उसका विशेषाधिकार है और अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों तथा गैर-सरकारी संगठनों को
अबकाज़िया तथा दक्षिण ओसेशिया में जाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया, हालांकि
वहां लड़ाकू हिंसा और निर्दोष जॉर्जियाई लोगों पर हमले हो रहे थे ।
विदेश मंत्री राइस ने कहा कि जॉर्जिया में रूस की
कार्रवाई एक बदतर होते आचरण की मिसाल हैं ।
उन्होंने कहा कि मैं अन्य बातों के अलावा रूस द्वारा
अपने संप्रभु पड़ोसियों को डराने-धमकाने, तेल और गैस को राजनीतिक हथियार की तरह
इस्तेमाल करने, सीएफई ( यूरोप में पारंपरिक फौजें) संधि को एकतरफा खारिज करने,
शांतिपूर्ण देशों पर परमाणु हथियारों से हमला करने की धमकी देने, उन देशों और
संगठनों को हथियार बेचने, जो अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं और रूसी
पत्रकारों, असंतुष्टों तथा अन्य लोगों को परेशान किये जाने का उल्लेख कर रही हूं ।
इस तरह के आचरण से जो तस्वीर उभरती है, वो ऐसे रूस की है, जो घर में ज्यादा
तानाशाह और विदेश में ज्यादा आक्रमक होता जा रहा है ।
विदेश मंत्री राइस ने कहा कि जॉर्जिया पर रूस के
हमले से कोई स्थायी सामरिक लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है और न ही होगा । उन्होंने कहा
कि अमेरिका का उद्देश्य रूसी नेताओं को स्पष्ट रूप से यह बताना है कि उनके कदम रूस
को स्वयं लादे गए अलगाव और अंतर्राष्ट्रीय अप्रासंगिकता के एकतरफा मार्ग पर डाल
देंगे ।