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Cyclone aftermath |
इस बसंत में जब समुद्री तूफान ने बर्मा में विनाश
किया तो देश की कुख्यात गोपनीय सैन्य सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के
नाम पर पश्चिमी सहायता संगठनों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए देश में प्रवेश
करने की इजाजत देने से इन्कार कर दिया, जिससे लाखों बर्मी नागरिकों को हफ्तों तक
तकलीफें झेलनी पड़ीं । दुर्भाग्य से ऐसा ही दृश्य अब क्यूबा में समुद्री तूफान
गुस्ताव और आइक आने के बाद दिखाई दे रहा है ।
50 वर्षों में सबसे अधिक विनाशकारी इन तूफानों ने इस
द्वीप देश के व्यापक क्षेत्रों में तबाही मचाई है । खेतों में पानी भर गया, बिजली
की लाइनें ठप हो गईं और जल व्यवस्था बाधित हो गई । लाखों घर क्षतिग्रस्त या तबाह
हो गए और लोगों को सुरक्षित रहने की खातिर अपने समुदायों से पलायन करना पड़ा ।
अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस का कहना है कि कुल नुकसान के प्रारंभिक अनुमान 3 अरब
डॉलर और 4 अरब डॉलर के बीच हैं, जबकि इस देश में औसत आय 20 डॉलर प्रति माह है ।
अमेरिका ने दो बार एक आपदा आकलन टीम को नुकसान का
विस्तृत आकलन करने और यह देखने के लिए कि यह देश क्या सहायता दे सकता है, क्यूबा भेजने
की पेशकश की है । वहां की सरकार ने दोनों पेशकशों को ठुकरा दिया । रंगून के
सेनाधिकारियों की तरह हवाना के सेनाधिकारी भी व्यापक तकलीफों की कीमत पर भी इस
स्थिति पर नियंत्रण करना चाहते हैं ।
अमेरिका और क्यूबा के बीच राजनीतिक मतभेद सुविदित और
बहुत स्पष्ट हैं । परंतु इतनी भीषण आपदा के बाद उन्हें क्यूबा के लोगों की मदद के
रास्ते में नहीं आने देना चाहिए
हवाना के रवैये के बावजूद अमेरिका क्यूबा के लोगों
की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है । अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी ने प्रभावित
क्षेत्रों में काम कर रहे गैर-सरकारी संगठनों को राहत कार्यों के लिए आपात्कालीन
सहायता के तौर पर एक लाख डॉलर देने की स्वीकृति दी है । अमेरिका उन अमेरिकी
नागरिकों और संगठनों को भी, जो क्यूबा में तूफान पीड़ितों की मदद करना चाहते हैं,
विश्वसनीय सहायता संगठनों को, जिन्हें इस द्वीप में मानवीय सहायता भेजने का
लाइसेंस मिला हुआ है, नकद दान देने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है ।
अमेरिका यह देखने के लिए कि क्यूबाई लोगों की मदद
करने के लिए और क्या किया जा सकता है, इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मिलकर काम
करता रहेगा । विचारधारात्मक कारणों से मानवीय राहत को रोका नहीं जाना चाहिए ।