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ईरानी महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग की
07/09/2008

 


Women in the Persian Gulf countries wear abaya for modesty and protection from the hot, dry climate
Women in the Persian Gulf countries wear abaya for modesty and protection from the hot, dry climate

ईरानी महिलाओं के एक संगठन ने दो साल पहले द कैम्पेन फॉर इक्वेलिटी नामक एक परियोजना की शुरुआत की थी । इसका उद्देश्य ईरानियों को सरकार के भेदभावपूर्ण लिंग संबंधी कानूनों के बारे में शिक्षित करना और इन कानूनों को हटाने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से काम करना है । इस अभियान की एक मुख्य पहल ईरान के भेदभावपूर्ण कानूनों को बदलने के समर्थन में, जिनके कारण महिलाएं विवाह, बच्चे के संरक्षण, उत्तराधिकार से संबंधित मामलों में नुकसान में रहती हैं और उस कानून के खिलाफ, जिसमें महिलाओं की गवाही का वजन पुरुष की गवाही से आधा माना जाता है, 10 लाख हस्ताक्षर इकट्ठे करने की मुहिम रही है ।

कैम्पेन फॉर इक्वेलिटी के सदस्यों और महिलाओं के अधिकारों के अन्य पक्षधरों को ईरानी प्रशासन द्वारा बढ़ते हुए दमन का निशाना बनाया जा रहा है । एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया है कि सरकार इन सदस्यों की वेबसाइट बंद कर देती है, खुफिया मंत्रालय से इन सदस्यों के घरों पर धमकी भरे फोन किये जाते हैं, दर्जनों गिरफ्तारियां की जाती हैं और कोड़े मारने तथा जेल में डालने की सजाएं दी जाती हैं ।

हाल ही में मानवाधिकार वकील और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शिरीन इबादी ने ऐलान किया था कि चार प्रमुख कार्यकर्ताओं और कैम्पेन के सदस्यों, मरियम हुसैनकाह, नाहिद केशावर्ज, जालवेह जवाहेरी और परवीन अरदालान को प्रतिबंधित वेबसाइटों में योगदान देने के लिए छह महीने की जेल की सजा दी गई है । अगस्त में एक ईरानी अपीली अदालत ने कुर्द ईरानी महिला अधिकार वकील ज़ैनब बेज़ेदी को चार वर्ष की जेल की सजा की पुष्टि की । हस्ताक्षर मुहिम के दो अन्य कुर्द-ईरानी समर्थक- हाना आब्दी और रौनक सफरज़ादेह भी जेल में हैं और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया गया है ।

हालांकि खतरा होने पर भी ईरानी महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने अपने उद्देश्य नहीं छोड़े हैं और वे एक दुर्लभ विजय के बारे में बता सकते हैं । 1 सितंबर को ईरान की संसद ने एक विधेयक पर मतदान अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया, जिसके बारे में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि उससे विवाह में महिलाओं के अधिकार और कम हो जाएंगे, क्योंकि अन्य धाराओं में यह अनुमति भी शामिल होगी कि कोई पुरुष अपनी पहली पत्नी की सहमति के बिना और विवाह कर सकेगा ।

ईरानी लेखिका अज़र नफीसी का कहना है कि ईरानी सरकार द्वारा महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ कठोर व्यवहार करना असफलता की निशानी है । सुश्री नफीसी ने कहा कि सरकार ने महिलाओं को एक खास तरह से व्यवहार करने पर मजबूर करने के लिए सभी तरह का दमन, जैसे कि जेल की सजा, कोड़े लगाना, जुर्माना लगाना और दुष्प्रचार का इस्तेमाल किया है । यह इतनी नकारा रही है कि क्रांति के करीब तीन दशक बाद भी उन्हें महिलाओं को जेल में रखना पड़ता है ।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शॉन मैककॉर्मेक ने कहा कि अमेरिका ईरान की महिलाओं के साथ है, जो अपने सार्वभौमिक अधिकारों के लिए साहसपूर्वक संघर्ष कर रही  हैं ।


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