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warning system |
कैरेबियन बेसिन में इस समय तूफानी मौसम चरम पर है और निचले तटीय क्षेत्रों में
रहने वाले लाखों लोग इससे भली-भांति परिचित हैं । परंतु बहुत से लोग नहीं जानते कि
कैरेबियन को एक अन्य संभावित खतरा भी है, जिसे बेहतर रूप से समझने के लिए अमेरिका
बहुत प्रयास कर रहा है ।
समुद्र के नीचे, बहुत गहराई में, पृथ्वी की सतह पर आई दरारों से भूकंप आने का
खतरा है, जिससे विशाल लहरें या सुनामी आ सकता है, जिसके विशेष रूप से क्यूबा,
हैती, डॉमिनिकन रिपब्लिक और जमैका जैसे द्वीपीय देशों के लिए विनाशकारी परिणाम हो
सकते हैं । ऐसे विनाश को रोकने के लिए कुछ अधिक किया तो नहीं जा सकता, पर शीघ्र
चेतावनी देने और कैरेबियाई देशों को बेहतर तैयारी करने में मदद देने के लिए एक
व्यापक निगरानी प्रणाली विकसित की जा रही है ।
40 वर्षों से ज्यादा समय से यूनेस्को का एक कार्यालय,
राष्ट्र संघ विज्ञान एजेंसी, कैरेबियाई देशों को टिकाऊ तटीय विकास सुनिश्चित करने
और प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को कम करने के लिए समुद्र का निरीक्षण करने की समग्र
प्रणाली विकसित करने में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है । 2004 में
इंडोनेशिया में समुद्र के नीचे आए भीषण भूकंप, जिसके कारण सुनामी आया और थाईलैंड,
बर्मा तथा हिंद महासागर के आसपास के अन्य देशों में तबाही मच गई, ने यह जता दिया
है कि इस क्षेत्र में ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है । इस हादसे में 2.30 लाख से
ज्यादा लोग मर गए थे और लाखों घायल या बेघर हो गए थे ।
हालांकि कैरेबियन में ऐसी आपदाएं आम नहीं हैं, लेकिन
वे दुर्लभ भी नहीं हैं । 1946 में डॉमिनिकन रिपब्लिक में सुनामी आया था, जिसमें
1,790 लोग मारे गए थे और 1918 में प्यूर्टो रिको पर भी ऐसा ही संकट आया था ।
अमेरिका सुनामी और अन्य तटीय खतरों में वृद्धि होने
से संबंधित भूगर्भीय, समुद्र स्तरीय तथा अन्य सूचनाओं का विश्लेषण करने की तकनीक
को हस्तांतरित करके एक क्षेत्रीय चेतावनी प्रणाली स्थापित करने में योगदान दे रहा है । इस प्रयास के तहत अमेरिका तकनीशियनों को
स्टेशन संचालन और रख-रखाव, इससे मिलने वाले आंकड़ों के विश्लेषण, चेतावनियां भेजने
और उचित सामुदायिक प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने का प्रशिक्षण देने के लिए एक टाइड
स्टेशन देगा । इंटरनेशनल ओशियनोग्राफिक कमीशन अमेरिका को अपने बहुत से योगदान
विश्व बैंक जैसे अन्य दानदाताओं के साथ देने के लिए मदद कर रहा है, जिसने इस
क्षेत्र को 11 स्टेशन देने का वायदा किया है ।