![corn_biofuel corn_biofuel](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110124147im_/http://www.voanews.com/hindi/images/corn_biofuel.jpg) |
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अमेरिकी सरकार का कहना है कि जैव ईंधन अमेरिका की तेल पर निर्भरता और फलस्वरूप
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की अमेरिकी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा
है ।
ऊर्जा मंत्रालय का अनुमान है कि जैव ईंधन के उत्पादन और इस्तेमाल के कारण 2007 में 1.30 करोड़
टन ग्रीनहाउस गैसों से मुक्ति मिली । वैज्ञानिकों को पता चला कि अमेरिका में मकई
से निर्मित इथनॉल से होने वाला गैसों का उत्सर्जन पैट्रोल और डीज़ल के मुकाबले 19
प्रतिशत कम हुआ है । इस गणना में मकई उगाने से लेकर ईंधन का उत्पादन और उपयोग का
पूरा चक्र शामिल है ।
जैव ईंधन तकनीक में प्रगति जारी है । सैलुलोज़ आधारित जैव ईंधन अगली पीढ़ी के
ईंधन माने जाते हैं । ये नए ईंधन लकड़ी के छिलकों और टुकड़ों, उत्तरी अमेरिका में
पायी जाने वाली स्विचग्रास और मकई की फसल पकने के बाद बची उसकी पत्तियों, तने और
अवशेषों तथा अन्य गैर-खाद्य स्रोतों से बनाए जाते हैं । इन जैव ईंधनों के इस्तेमाल
से इथनॉल जैसे मकई आधारित ईंधनों की बनिस्बत ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन और भी कम
होगा । गैसोलीन की तुलना में यह कमी 86 प्रतिशत तक हो सकती है ।
जैव ईंधन के उत्पादन में अधिकाधिक क्षमता प्राप्त करना बेशक एक बड़ा लक्ष्य
है, लेकिन यह भी देखना होगा कि इसे बरकरार भी रखा जा सकता है या नहीं क्योंकि हाल
ही में जैव ईंधन के उत्पादन का असर अनाज की आपूर्ति और खाने-पीने के सामान की
कीमतों पर महसूस किया गया था और चिंता प्रकट की गयी थी ।
वैसे आजकल विश्व में खाने-पीने के सामान की कीमतों में हुई वृद्धि में जैव
ईंधन के उत्पादन का योगदान बहुत कम है । वृद्धि के ज़्यादा बड़े कारण कुछ और हैं ।
इनमें तेल और गैस की ऊंची कीमतें शामिल हैं, जिनके कारण उर्वरकों की कीमतें, फसल
पर लागत और उसे बाज़ार में ले जाने का परिवहन खर्च बढ़ा है । इसके साथ ही विकासशील
देशों में अनाज की माग बढ़ी है और लोगों की खुराक भी । दो साल से खराब मौसम और
सूखे के कारण दुनिया के कई हिस्सों में कमजोर फसलें हुई हैं और कुछ देशों में अनाज
के निर्यात पर प्रतिबंध तक लगा दिये गए हैं ताकि उनके यहां अनाज की आपूर्ति होती
रहे ।
बहरहाल, जैव ईंधन तकनीक के लगातार विकास के कारण एक दिन खाद्य और ईंधन के बीच
प्रतिद्वंद्विता को लेकर ज़्यादातर चिंताएं खत्म हो जाएंगी । अमेरिका सरकार नई जैव ईंधन
तकनीक के अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है ।
यह कई तरीकों में से सिर्फ एक तरीका है,
जिसके तहत अमेरिका दुनिया को साफ और टिकाऊ ऊर्जा देने के लिए काम कर रहा है ।