![Iran's President Mahmoud Ahmadinejad at the Natanz nuclear facility (2007 photo) Iran's President Mahmoud Ahmadinejad at the Natanz nuclear facility (2007 photo)](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110114518im_/http://www.voanews.com/hindi/images/AP-Iran-Mahmoud-Ahmadinejad-190_12.jpg) |
Iran's President Mahmoud Ahmadinejad
|
ईरान सरकार ईरानी जनता के अधिकारों पर लगातार हमला
कर रही है ।
जून में ईरानी अधिकारियों ने दो प्रसिद्ध डॉक्टरों,
अराश अलेई और उनके भाई कामयार अलेई को गिरफ्तार किया था । ये दोनों ईरान में
दवाइयों के दुरुपयोग और एचआईवी-एड्स के प्रसार पर किये गए अपने काम के लिए
अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रसिद्ध हैं । सरकार कथित तौर पर इन दोनों भाइयों पर ईरान
में मखमली क्रांति भड़काने का आरोप लगा रही है ।
4 अगस्त को ईरानी अधिकारियों ने सिस्तान वा बलूचिस्तान
प्रांत के नागरिक समाज संगठन, वॉइस ऑफ जस्टिस के नेता और पत्रकार याकूब मेहरनेहाद
को मृत्यु दंड दिया । श्री मेहरनेहाद पर एक सशस्त्र प्रतिरोधी संगठन से संबंधित
होने का आरोप था, लेकिन उन्होंने किसी हिंसक संगठन से संपर्क रखने का तीव्र खंडन
किया था और उन पर कथित तौर पर वकील की गैर-मौजूदगी में मुकदमा चलाया गया था ।
सिस्तान वा बलूचिस्तान ईरान के बलूच अल्पसंख्यकों का घर है, जिन्होंने ईरान सरकार
द्वारा कठोर दमन किये जाने की शिकायत की है ।
श्री याकूब मेहरनेहाद को फांसी दिये जाने से ईरान
में अन्य पत्रकारों को मृत्युदंड देने की आशंकाएं फिर से पैदा हो गई हैं, जिनमें
कुर्द-ईरानी पत्रकार अदनान हसनपुर और हीवा बूटीमार भी शामिल हैं ।
अगस्त में ही एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ईरान सरकार से
एक दर्जन छात्रों को रिहा करने की मांग की थी, जिन्हें जुलाई में ईरान भर से
गिरफ्तार किया गया था । उन्हें सुरक्षा फौजों ने 1999 के छात्र आंदोलनों की
वर्षगांठ के आसपास गिरफ्तार किया था, जिनका सरकार ने हिंसक दमन किया था । एमनेस्टी
ने गिरफ्तार किये गए छात्रों को अंतरात्मा के कैदी बताया है, जिन्हें उनके
अंतरात्मा से जुड़े विश्वासों के कारण गिरफ्तार किया गया है ।
राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कहा है कि वर्षों से
अमेरिका ईरान जैसी अत्याचारी सरकारों द्वारा मानवाधिकार हनन के खिलाफ आवाज उठाता
रहा है और ऐसा करता रहेगा । परंतु श्री बुश ने कहा कि तेहरान जैसे स्थानों में
आजादी की मांग को ठुकराया नहीं जा सकेगा ।
"इन देशों के लोग एक स्वतंत्र भविष्य का सपना देखते हैं, एक स्वतंत्र भविष्य की
आशा करते हैं और विश्वास करते हैं कि उनका भविष्य स्वतंत्र होगा । और ऐसा होगा ।"
राष्ट्रपति बुश ने कहा, "ईश्वर उनके संघर्ष में उनके साथ रहे । अमेरिका हमेशा साथ रहेगा ।"