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ईरान का प्रोत्साहन पैकेज के प्रति रुख गंभीर नहीं- राइस
26/07/2008

 

U.S. Secretary of State Condoleezza Rice
U.S. Secretary of State Condoleezza Rice
अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कहा है कि ईरानी सरकार राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों और जर्मनी से बने पी5 प्लस 1 समूह द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसके सामने रखे गए प्रस्ताव का गंभीरता पूर्वक जवाब देने में असफल रही है । संशोधित प्रोत्साहन पैकेज के प्रस्ताव पर ईरान का जवाब सुनने के लिए ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, चीन और अमेरिका के राजनयिकों के साथ यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जेवियर सोलाना ने 19 जुलाई को जिनेवा में एक बैठक की । 

पी5 प्लस 1 ने यह प्रस्ताव ईरान के समक्ष जून में रखा था । अगर ईरान अपना यूरेनियम संवर्धन और रीप्रोसेसिंग गतिविधियां पूरी तरह से पुष्टि करने लायक ढंग से बंद कर देता है तो उसे बातचीत एवं और कई तरह के प्रोत्साहनों का प्रस्ताव दिया गया है । ईरान ने यह काम किया है, इसका सत्यापन भी जरूरी है । इन परमाणु गतिविधियों का उपयोग परमाणु हथियार बनाने के लिए किया जा सकता है ।

19 जुलाई को आयोजित उस बैठक के बाद ईरान को प्रोत्साहनों के उस प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया था । विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कहा कि ईरानी प्रतिनिधियों को यह स्पष्ट बता दिया गया था कि जनता उनकी अड़ंगा लगाने वाली नीतियों से थक चुकी है । 

सुश्री राइस ने जिनेवा सम्मेलन को फायदेमंद बताया क्योंकि इससे ईरान के विकल्पों को स्पष्ट करने में मदद मिली । उन विकल्पों में से एक है, प्रोत्साहन और वार्ता की संभावना, दूसरा रास्ता है कि ईरान के खिलाफ अतिरिक्त दंडात्मक कदम उठाए जाएं । सुरक्षा परिषद पहले ही ईरान पर तीन बार आर्थिक प्रतिबंध लगा चुका है । अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने अपनी तरफ से भी कई प्रतिबंध लगाए हैं । 

फॉक्स न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में अमेरिका के प्रमुख सैन्य अधिकारी, जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमेन माइकेल मुलन ने कहा कि उनका इस बात से उत्साह बढ़ा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए कूटनीतिक कोशिशों में लगा हुआ है ।

उन्होंने कहा- मेरा मानना है कि इस बात की जरूरत है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ईरान पर आर्थिक, वित्तीय, कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर दबाव बनाए रखे ताकि ऐसी स्थिति आ सके कि हम सभी मिलकर परमाणु हथियार के मुद्दे से निपट सकें ।

श्री मुलन ने कहा कि उनका मानना है कि ईरान के नेता परमाणु हथियार हासिल करने के रास्ते पर हैं और भविष्य में कभी भी उन्हें यह हासिल हो सकता है । अगर ऐसा हुआ तो इससे बहुत अस्थिरता फैलेगी । जरूरत इस बात की है कि हम यह सुनिश्चित करने का कोई रास्ता निकालें कि उसे रोका जा सके । 


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