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10 जनवरी  2009 

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भारत के लिए और अधिक फुलब्राइट छात्रवृत्तियां
20/07/2008

 

 
Palestinian student Hadeel Abu Kawik at her home in Gaza City, 30 May 2008
Student on Full bridght Prog.

इस वर्ष फुलब्राइट कार्यक्रम के तहत भारत और अमेरिका के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान में भारी वृद्धि होगी । अमेरिकी और भारतीय सरकारों ने 4 जुलाई को ज्यादा छात्रवृत्तियां देने के लिए अनुदान बढ़ाने के समझौते पर हस्ताक्षर किये ।

 भारत में अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड ने कहा कि इस समझौते का हमारे युवा लोगों के भावी विकास पर और दोनों लोकतंत्रों के बीच संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा ।

 1946 में अमेरिकी सीनेटर जे. विलियम फुलब्राइट के प्रयासों और अमेरिकी विदेश मंत्रालय के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मामलों के ब्यूरो के अनुदान से तथा अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी से स्थापित इस कार्यक्रम का लक्ष्य अमेरिका और अन्य देशों के लोगों के बीच परस्पर समझ बढ़ाना है । इस कार्यक्रम के तहत अमेरिकी छात्रों, शिक्षकों, विद्वानों और पेशेवर व्यक्तियों को विदेश में शोध करने या पढ़ाने के लिए अनुदान दिया जाता है और विदेशी उम्मीदवारों को भी अमेरिका आने के लिए ऐसे ही अवसर प्रदान किये जाते हैं ।

 भारत ने 1950 में इस कार्यक्रम में भाग लेना शुरू किया था, तब से हर साल करीब 100 भारतीयों और अमेरिकियों को फुलब्राइट छात्रवृत्तियां मिलती हैं और कुल मिलाकर करीब 15,000 प्रतियोगी छात्रवृत्ति हासिल कर चुके हैं । अब इसका नया नाम फुलब्राइट-नेहरू छात्रवृत्ति कर दिया गया है और दोनों सरकारों को आशा है कि वार्षिक छात्रवृत्तियों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि होगी ।

 पोर्टलैंड, ओरेगॉन में रहने वाले पेशेवर सितार-वादक जोश फाइनबर्ग ने 2006 में फुलब्राइट अनुदान पर कोलकाता, भारत में संगीत का अध्ययन किया था । उन्होंने कहा कि अमेरिका लौटने पर वह यह बताने के लिए उत्सुक थे कि उन्होंने भारतीय संस्कृति के बारे में क्या सीखा है ।

 श्री फाइनबर्ग ने कहा कि केवल वहां होने के कारण मैं एक तरह से अमेरिका का राजनयिक था और चूंकि मैं भारत में रहा था, इसलिए अमेरिका में मैं एक तरह से भारत का राजनयिक हूं । फुलब्राइट कार्यक्रम के बुनियादी लक्ष्यों में से एक उद्देश्य है- व्यक्ति के स्तर पर राजनय ।

 भारत और अमेरिका के बीच स्वतंत्रता, लोकतंत्र और आर्थिक अवसर के विस्तार के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता के कारण मजबूत संबंध हैं । अन्य शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के साथ ही फुलब्राइट कार्यक्रम सांस्कृतिक समझ और बौद्धिक संवाद को प्रोत्साहन देकर अमेरिका-भारत संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है ।

 अमेरिकी राजदूत डेविड मलफोर्ड ने कहा कि हमने जो आज किया है, वह आने वाले वर्षों में हमारे दोनों देशों के हजारों युवा लोगों को बहुमूल्य लाभ पहुंचाएगा । यह एक ऐसी उपलब्धि है, जिस पर हम गर्व कर सकते हैं ।


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