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विश्व शरणार्थी दिवस
27/06/2008

 

An Afghan girl carries her infant sibling in Iran's Sistan Baluchistan province
An Afghan girl carries her infant sibling in Iran's Sistan Baluchistan province
20 जून को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने 8वां वार्षिक विश्व शरणार्थी दिवस मनाया । इस मौके पर यह स्वीकार किया गया कि युद्ध, दमन, आर्थिक विस्थापन और पर्यावरण से जुड़े दबावों की वजह से घर छोड़ने पर मजबूर हुए लाखों लोग त्रासदी के दौर से गुजर रहे हैं । शरणार्थियों को मदद देने एवं उनका संरक्षण करने को लेकर अमेरिका की वचनबद्धता काफी गहरी और स्थायी है । यह देश के इतिहास का हिस्सा है और उसके मूल्यों के केंद्र में है ।  

वर्ष 2000 में राष्ट्र संघ ने इस दिवस को मनाने का तय किया था । इस दिवस में इस साल शरणार्थियों के संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया है । पूरी दुनिया के देशों ने जीवन को बनाए रखने के लिए बुनियादी सहायता तक उनकी पहुंच बनाने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं । इस सहायता में रहने के लिए घर, भोजन, पानी, सफाई, स्वास्थ्य और पोषण शामिल हैं । 

इराक उन कई देशों में से एक है, जो एक बड़े शरणार्थी संकट से निपटने की जद्दोजहद कर रहा है । इस संकट से निबटने में इराक को मदद करने के लिए अमेरिकी सरकार ने शरणार्थियों और इराक के भीतर ही विस्थापित हुए लोगों की सहायता के मद में मानवीय सहायता की राशि को बढ़ा कर इस साल अब तक 20.8 करोड़ डॉलर कर दिया है । वर्ष 2006 में यह राशि 4.3 करोड़ डॉलर थी । वर्ष 2003 से अब तक इराक में शरणार्थियों और विस्थापित लोगों की मानवीय सहायता करने वाला अमेरिका इकलौता सबसे बड़ा देश है । वह अब तक इस मद में 50 करोड़ डॉलर दे चुका है ।

इस साल फरवरी महीने में अमेरिकी सरकार ने मानवीय सहायता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को 12.5 करोड़ डॉलर की सहायता दी । इस सहायता में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और इराक के बाहर और भीतर रह रहे इराकियों को संरक्षण देना शामिल है । यह सहायता जनवरी में घोषित सहायता के अतिरिक्त है । जनवरी महीने में अमेरिकी सरकार ने यूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज, यूएन चिल्ड्रेन्स फंड और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को 2 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की थी । यह पैसा पड़ोसी देशों में विस्थापित हुए इराकियों की सहायता के लिए है । अमेरिका ने गैर-सरकारी संगठनों से भी इराकी शरणार्थियों को सहायता देने के लिए प्रस्ताव भेजने की अपील की है ।

अमेरिका को इस बात का गर्व है कि वह दुनिया में शरणार्थियों की मदद करने में सबसे आगे है । वह हर साल 1 अरब डॉलर से अधिक की मदद कर सिर्फ शरणार्थियों के दुख को कम करने की कोशिशों की दिशा में जारी बहुपक्षीय कोशिशों में ही शामिल नहीं है, बल्कि वह आंतरिक रूप से विस्थापित व संघर्ष के अन्य भुक्तभोगियों की भी मदद कर रहा है ।

पूरी दुनिया के सभी देशों ने मिलकर शरणार्थियों को जितना नहीं बसाया होगा, अमेरिका ने अकेले कर दिखाया है । शरणार्थियों ने भी अपनी प्रतिभा, कठिन परिश्रम और सृजनशीलता से पूरे देश के निर्माण में अपना महान योगदान दिया है ।  


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