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mother feeding baby |
इस महीने अमेरिकी सरकार और भारत के स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत में मां और बच्चे के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार
करने के उद्देश्य से एक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया । विश्व के अन्य देशों की
अपेक्षा भारत में गर्भावस्था और शिशु जन्म से जुड़ी जटिलताओं के कारण ज्यादा
महिलाओं की मौतें होती हैं । भारत में 12 लाख से ज्यादा नवजात शिशु एक महीने के
भीतर मर जाते हैं ।
द मेटर्नल एंड चाइल्ड हेल्थ सस्टेनेबल टेक्निकल
असिस्टेंस एंड रिसर्च इनिशियेटिव भारत में अगले 5 वर्षों के दौरान प्रायोगिक शोध,
नीति विश्लेषण, परामर्श और तकनीकी सहायता के जरिये मां और बच्चे के स्वास्थ्य की
देखभाल में सुधार करने के लिए काम करेगा ।
नए कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव नरेश दयाल ने कहा, "हमें
वैश्विक मानदंडों के अनुसार काम कर रहे पेशेवर शोध, जन-स्वास्थ्य एवं तकनीकी
सहायता संस्थानों का विस्तार करने की जरूरत है, जो सरकारी कार्यक्रमों को सहयोग दे
सकें ।"
भारत के कुछ क्षेत्रों में, विशेषकर शहरों में जल और
स्वच्छता प्रणालियों पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा है । इससे महिलाओं और लड़कियों के
स्वास्थ्य को होने वाले खतरे तथा घरेलू बोझ बढ़ जाता है । अंतर्राष्ट्रीय विकास के
लिए अमेरिकी एजेंसी, यूएसएड उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने, ऊर्जा और जल
संसाधनों का संरक्षण करने और स्वच्छ तकनीकों तथा नवीनीकरण योग्य ऊर्जा को
प्रोत्साहन देने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रही है ।
यूएसएड के सहयोग से एक जल एवं स्वच्छता परियोजना पूरी होने वाली है और जल्दी ही बेंगलूरू
के बड़े क्षेत्र में करीब 3 लाख घरों में 15 लाख लोगों को स्वच्छ पेय जल और सीवर
की सुविधाएं उपलब्ध कराएगी ।
नवीनतम अमेरिकी-भारतीय स्वास्थ्य पहल पर टिप्पणी
करते हुए यूएएड मिशन के निदेशक जॉर्ज डायकुन ने कहा कि अमेरिका इस अनूठे कार्यक्रम
के जरिये भारतीय संस्थानों के नेतृत्व में और अमेरिका-आधारित वैश्विक विशेषज्ञता
के सहयोग से महिलाओं और उनके बच्चों की जिंदगियों में वास्तविक सुधार करना चाहता
है ।