अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने 4 जून को मानव तस्करी पर
अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की थी । इस रिपोर्ट में रिकॉर्ड संख्या में देशों को-
170 को- शामिल किया गया और विशेष रूप से कई संवेदनशील गुटों पर ध्यान केंद्रित
किया गया, जिनमें चीन में उत्तर कोरियाई, थाईलैंड में बर्मी, देश-विहीन लोग,
प्रवासी श्रमिक और विशेषकर खाड़ी में घरेलू नौकर शामिल थे ।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय
सीमाओं के पास लगभग 8 लाख लोगों की तस्करी की जाती है, जिनमें से 80 प्रतिशत
महिलाएं और 50 प्रतिशत तक बच्चे होते हैं । इन आंकड़ों में वे लाखों लोग शामिल
नहीं हैं, जिनकी तस्करी राष्ट्रीय सीमाओं के भीतर श्रम और यौन शौषण के उद्देश्यों
से की जाती है ।
विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस ने कहा कि सात वर्ष
पहले प्रथम रिपोर्ट जारी होने के बाद मानव तस्करी के खिलाफ संघर्ष पर
अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता बढ़ी है । इस वर्ष की रिपोर्ट में अपराधियों को सजा देने
और पीड़ितों की रक्षा करने के सरकारी प्रयासों का आकलन करने पर ध्यान केंद्रित
किया गया है । डॉ. राइस ने कहा कि दुर्भाग्य से रिपोर्ट के निष्कर्षों से श्रम
तस्करी से संबंधित विचलित करने वाली जानकारी का खुलासा हुआ है ।
हालांकि अब ज्यादा देश यौन तस्करी को दंड और अभियोग
के जरिये रोकने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन छोटे अत्याचारियों को, जो अपने
मजदूरों का शोषण करते हैं, शायद ही कभी गंभीर सजा मिलती है ।
श्रम तस्करी के अपराधों में कमजोर अभियोग के साथ ही
रिपोर्ट में तस्करी पीड़ितों की कमजोर सुरक्षा भी पाई गई । रिपोर्ट में व्यावसायिक
यौन शोषण के लिए महिलाओं और जबरन श्रम तथा उसके द्वारा पैदा किये जाने वाले सस्ते
सामान की मांग को भी नए सिरे से देखा गया ।
अमेरिका ने 2001 से 120 देशों में तस्करी-विरोधी
कार्यक्रमों को लागू करने के लिए 52.8 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च किये हैं । विदेश
मंत्री राइस ने कहा कि इस अन्याय का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की
जरूरत है ।
हमें आशा है कि यह रिपोर्ट दुनिया के जिम्मेदार
देशों को साथ खड़ा होने, एक आवाज में बोलने और यह कहने के लिए प्रोत्साहित करेगी
कि स्वतंत्रता और सुरक्षा मानव गरिमा की वे मांगें हैं, जिन पर समझौता नहीं किया
जा सकता ।