![Pakistan](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110115254im_/http://www.voanews.com/hindi/images/pakistan_190.jpg) |
Pakistan |
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वर्ष 2007 में पाकिस्तान का मानवाधिकार रिकॉर्ड बिगड़ गया था । खासकर यह स्थिति राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ द्वारा नवंबर में इमरजेंसी लागू किये जाने के बाद पैदा हुई । विदेश मंत्रालय ने एडवांसिंग फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी नामक रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2008 में सरकार बदलने के बाद अमेरिका के लिए पाकिस्तान में नागरिक लोकतंत्र को बहाल करने में मदद करने का मौका मिला है । यह काम संस्थानों को पुख्ता कर किया जा सकता है ।
अमेरिका स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनावों व राजनीतिक प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम करता है । उसकी रणनीति में राष्ट्रीय एवं प्रांतीय विधायिका व स्थानीय सरकार को मदद करना, मीडिया सहित सभ्य समाज को सहायता देना, राजनीतिक पार्टी में सुधार के जरिये लोकतंत्रीकरण एवं राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधित्व को पुख्ता करना, निष्पक्ष न्यायपालिका की मदद करना एवं कानून के राज्य के प्रति आदर का भाव बढ़ाना शामिल है । अमेरिका ने फरवरी, 2008 में हुए चुनावों के पहले लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मदद करने के लिए एक बड़ा कूटनीतिक एवं सहायता कार्यक्रम शुरू किया था । खासकर, वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने सभी राजनीतिक पार्टियों को समान अवसर दिये जाने की वकालत की थी और स्वच्छ व निष्पक्ष चुनावों का आह्वान किया था । अमेरिका ने मीडिया पर लगी बंदिशों एवं पत्रकारों को तंग किये जाने की घटनाओं की निंदा की थी और बार-बार हिरासत में रखे गए लोगों को रिहा करने की आवाज उठाई थी ।
अमेरिका के पैसे से चलने वाले संगठनों ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर चुनाव पद्धति का कम्प्यूटरीकरण करने एवं चुनाव सूची और मतदान केंद्रों से जुड़ी सूचनाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम किया था । अमेरिका ने चुनाव से जुड़ी धांधलियों की रिपोर्टिंग के लिए वेब आधारित शिकायत पद्धति की शुरुआत में भी मदद की थी । अमेरिका ने मतपत्र और सुरक्षा मुहरें मुहैया की थीं, चुनाव पर नजर रखने वाले राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया था, घरेलू चुनाव पर्यवेक्षकों के लिए पैसा दिया और मतदाताओं के प्रशिक्षण के लिए सामग्रियां उपलब्ध कराईं । अमेरिका ने एक अंतर्राष्ट्रीय चुनाव निगरानी मिशन का खर्च वहन किया और चुनाव के दिन अमेरिका के एक राजनयिक निगरानी मिशन को तैनात भी किया । इन गतिविधियों के साथ-साथ चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए राजनयिक कोशिशें भी की गईं ।
अमेरिका पाकिस्तान के लोकतांत्रिक संस्थानों की क्षमता बढ़ाने एवं स्वतंत्र व पेशेवर मीडिया को आगे बढ़ाने की दिशा में मदद कर रहा है । अमेरिका महिला अधिकार व जातीय एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकार सहित मानवाधिकार को समर्थन देकर पाकिस्तान से संवाद बनाए हुए है ।
उप विदेश मंत्री जॉन निग्रोपोंटे ने कहा कि अमेरिका सिर्फ पाकिस्तानी सरकार के साथ ही नहीं, बल्कि वहां की जनता के साथ भी एक व्यापक भागीदारी स्थापित करना चाहता है । हम यह मानते हैं कि हमारा भविष्य यानी हमारी सुरक्षा, हमारी आजादी और समृद्धि पाकिस्तान की जनता के भाग्य से जुड़ा है ।