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10 जनवरी  2009 

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नेपाल के मील का पत्थर
04/06/2008

People celebrate the abolishment of the Nepalese monarchy in Kathmandu, 28 May 2008
People celebrate the abolishment of the Nepalese monarchy in KathmanduMay 2008
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के अमेरिकी उप सहायक विदेश मंत्री इवान फ़ाइगनबौम ने कहा है कि 240 वर्ष पुरानी राजशाही को खत्म करने का फैसला लेकर और एक संविधान सभा का गठन कर नेपाल ने एक बड़ी ऐतिहासिक छलांग लगाई है । श्री फ़ाइगनबौम 24 मई को नेपाल के प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला और वहां कि चार सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से बातचीत के लिए काठमांडू पहुंचे ।

श्री फ़ाइगनबौम ने कहा है कि नेपाल में कोई भी सरकार बने, यह महत्वपूर्ण है कि वह 10 अप्रैल को संविधान सभा के चुनाव में जाहिर जनता की भावना का परिचायक है । अमेरिका के लिए राजनीतिक हिंसा की स्थिति अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है । हमारा नेपाल की हर पार्टी को बुनियादी संदेश यह है कि नेपाल की पार्टियों के साथ मिलकर हम कहां तक काम कर सकते हैं, यह सीधे उनके राजनीतिक प्रक्रिया को अपनाए रहने और हिंसा से तौबा करने की हद पर निर्भर करेगा ।  

एडवांसिंग फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी नामक हाल की अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अप्रैल 2008 में संविधान सभा के लिए हुए चुनावों को हिंसा, धमकी और मतदान में अनियमितताओं ने बाधित किया । रिपोर्ट में यह पाया गया कि 2007 में नेपाल के सुरक्षा बलों, माओवादियों और उसके सहयोगी संगठन यंग कम्युनिस्ट लीग और अक्सर जातीय-आधारित छोटे सशस्त्र समूहों ने मानवाधिकार का हनन किया । श्री फ़ाइगनबौम ने कहा कि हम हर घटना पर पैनी नजर रख रहे हैं और हम माओवादियों सहित विभिन्न पार्टियों के कदमों पर पैनी निगाह बनाए रखेंगे ।

नेपाल के सामने खड़ी अन्य चुनौतियों में देश के कुछ हिस्सों में एक अर्से से बरकरार गरीबी और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमत शामिल है । नेपाल के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, राजनीतिक संस्थानों के निर्माण और आर्थिक विकास के क्षेत्रों के लिए अमेरिका के कई सहायता कार्यक्रम हैं ।

श्री फ़ाइगनबौम ने कहा कि नेपाल और अमेरिका की जनता के बीच खासी सद्भावना है । उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि नेपाल एक स्थायी, लोकतांत्रिक और समृद्ध देश बने ।


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