![A girl drinks water from a container as her homeless family eats donated food in Konegyangone township in the outskirts of Rangoon, 07 May 2008](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110144355im_/http://www.voanews.com/hindi/images/Burma_1_3.jpg) |
A girl drinks water from a container as her homeless family eats donated food in Konegyangone township in the outskirts of Rangoon, 07 May 2008 |
बर्मा की सरकारी मीडिया के अनुसार, इरावाडी नदी डेल्टा क्षेत्र में
नर्गिस तूफान की तबाही के बाद 20,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 40,000 से अधिक अन्य अभी भी लापता हैं । हजारों लोगों को भोजन, रहने की जगह और पीने के लिए स्वच्छ पानी के अभाव से गुजरना पड़ रहा है । अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने बर्मा की जनता के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की है । उन्होंने कहा-
“अमेरिका ने शुरू में सहायता मुहैया करा दी है, लेकिन हम और बहुत कुछ करना चाहते हैं । हम मरने वालों के शवों का पता लगाने, लापता हुए लोगों को ढूंढने और स्थिति पर नियंत्रण में मदद के लिए अमेरिकी नौसेना भेजने के लिए तैयार हैं । लेकिन ऐसा करने के लिए वहां की सैन्य सरकार को अपने देश में आपदा के आकलन की टीमों को जाने देने की अनुमति देनी पड़ेगी ।”
राष्ट्रपति बुश ने बर्मा की सैनिक सरकार को यह संदेश भेजा है । उन्होंने अपने संदेश में लिखा है-
“अमेरिका को अपने देश के लोगों की मदद करने की इजाजत दें । बर्मा के लोगों के प्रति हमारी पूरी सहानुभूति है । हम इस भयानक त्रासदी से जूझने में उनकी मदद करना चाहते हैं ।”
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शॉन मैककॉर्मेक ने कहा कि अमेरिका मदद के लिए तैयार है और उसने आपदा में सहायता पहले ही भेज दी है और वह आगे भी मदद देना चाहता है । उन्होंने कहा
“प्रशासन में इसको लेकर मतभेद हो सकता है, लेकिन यह एक मानवीय मुद्दा है । इस तूफान में आपके हजारों लोग मारे गए हैं । इससे कई गुना अधिक लोग इस तूफान से प्रभावित हुए हैं, इसलिए बहुत बड़ी जरूरत आन पड़ी है और हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर मदद को तैयार हैं ।”