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Dana Perino |
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव डाना पेरिनो ने कहा है कि सीरिया ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को यह नहीं बताया था कि वह उत्तर कोरियाई परमाणु वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मदद से पूर्वी सीरिया के एक सुदूर इलाके में परमाणु रियेक्टर बना रहा था और सितंबर, 2007 में उसे नष्ट किये जाने के बाद उसने प्रमाण छिपाने का हर संभव प्रयास किया । 24 अप्रैल को एक लिखित बयान में सुश्री पेरिनो ने कहा, "इसे छिपाने की कोशिश से हमारा यह विश्वास और पुख्ता हुआ कि यह रियेक्टर शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए नहीं था ।" उन्होंने कहा कि अमेरिका छिपाने के इस प्रयास के बारे में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को जानकारी दे रहा है ।
आईएईए के महासचिव मोहम्मद अलबरदाई ने 25 अप्रैल को वियना में पुष्टि की थी कि उनके कार्यालय को अमेरिकी जानकारी दी गई है और सीरियाई रियेक्टर चालू नहीं हुआ था और वहां कोई परमाणु सामग्री नहीं रखी गई थी । श्री अलबरदाई ने कहा, "यह एजेंसी इस जानकारी को पूरी गंभीरता से लेगी और इस जानकारी की सत्यता की जांच करेगी ।"
उन्होंने कहा, "आईएईए के साथ सुरक्षित उपायों के अपने समझौते के तहत सीरिया का दायित्व है कि वह किसी परमाणु प्रतिष्ठान की योजना और निर्माण के बारे में एजेंसी को सूचित करे ।"
सीरिया 1963 से 144 देशों की परमाणु अप्रसार संधि में शामिल रहा है और वह एक छोटा अनुसंधान केंद्र चलाता है, जिसका राष्ट्र संघ द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाता है । वरिष्ठ अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने 24 अप्रैल को व्हाइट हाउस में इसकी पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर कोरियाई परमाणु संबंधित अधिकारियों और उच्च स्तरीय सीरियाई अधिकारियों ने इस परमाणु रियेक्टर के बारे में 1997 में ही बातचीत शुरू कर दी थी ।
यह परमाणु रियेक्टर डेर अज़ ज़ावर प्रांत में फरात नदी के पूर्वी किनारे के पास अल-कीबर के निकट निर्माणाधीन था, जो 6 सितंबर, 2007 की सुबह इस्राइली हवाई हमले में नष्ट हो गया था । व्हाइड हाउस के एक अधिकारी ने कहा, "सीरिया ने इस रियेक्टर के अस्तित्व के सभी सबूत मिटाने के प्रयास के तहत 10 अक्टूबर, 2007 को रियेक्टर की बची हुई इमारत को एक बड़े नियंत्रित अभियान के तहत नष्ट कर दिया था ।"
सुश्री पेरिनो ने कहा, " सीरियाई सरकार को अपनी गैरकानूनी परमाणु गतिविधियों के बारे में विश्व को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए ।" उन्होंने कहा, "सीरियाई सरकार आतंकवाद का समर्थन करती है, ऐसे कदम उठाती है, जिससे लेबनान में अस्थिरता फैलती है, कुछ विदेशी लड़ाकों को इराक में जाने का रास्ता देती है और अपने ही लोगों का दमन करती है ।"