![Nepali Congress Party supporters taking to the streets Saturday in Kathmandu](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110144444im_/http://www.voanews.com/hindi/images/voa_herman_nepal_congress_party_195_eng_12apr08.JPG) |
Nepali Congress Party supporters taking to the streets in Kathmandu |
नेपाल में मतदाताओं ने संवैधानिक सभा चुनने के लिए वोट दिये । पिछले आम चुनावों के करीब एक दशक बाद और संविधान बनाने के लिए प्रतिनिधि चुनने का अवसर मांगने के आधे दशक से भी ज्यादा समय बाद मतदाताओं ने राय जाहिर की है । चुनाव पूर्व हिंसा और उम्मीदवारों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को धमकाए जाने तथा उनकी हत्याएं होने के बावजूद बहुत कम मतदान केंद्रों पर पुनः मतदान की जरूरत पड़ेगी । पूरे देश में बड़े पैमाने पर महिला और पुरुष शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से अपने वोट डाल सके थे ।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शॉन मैककॉर्मेक ने चुनावों पर टिप्पणी की ।
"पहली नजर में ऐसा लगता है कि नेपाल ने वास्तव में एक कदम आगे बढ़ाया है । परंतु हम सब जानते हैं कि लोकतंत्र चुनाव के दिन पर समाप्त नहीं होता । यह तो केवल शुरुआत है । एक बार चुनाव जीतने के बाद लोकतांत्रिक ढंग से और उन लोगों की ओर से, जिन्होंने आपको चुना था और उनकी ओर से भी, जिन्होंने आपके खिलाफ वोट दिये थे, शासन करना महत्वपूर्ण है ।"
नवंबर, 2006 में माओवादियों और नेपाल की सात प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के गठबंधन के बीच हुए शांति समझौते से एक अंतरिम सरकार और अंतरिम संविधान का गठन हुआ था । उस संविधान में 10 अप्रैल को संवैधानिक सभा के चुनाव कराने की व्यवस्था थी । जब चुनावों के अंतिम नतीजे मिल जाएंगे तो नेपाल के लिए नए संविधान का प्रारूप बनाना संवैधानिक सभा का काम होगा ।
अमेरिका ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर नेपाल की जनता को मुबारकबाद दी है । ये चुनाव उनके साहस और निर्वाचन आयोग के आचरण की प्रशंसा हैं । मतगणना के बाद के दिनों और हफ्तों में अमेरिका ने धैर्य और परिणामों के लिए सम्मान का अनुरोध किया है । अपनी ओर से अमेरिका नेपाल की जनता के एक ज्यादा शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और समृद्ध भविष्य पाने के प्रयास के लिए सहायता देने को तैयार है ।