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Nepal |
नेपाल में 10 अप्रैल को होने वाले संविद असेंबली चुनाव में राजनीतिक हिंसा की आशंका बनी हुई है । नेपाल में स्थित राष्ट्र संघ मिशन व राष्ट्र संघ के ऑफिस ऑफ दी हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स द्वारा तैयार एक साझी रिपोर्ट के अनुसार, इस चुनाव के विरोध का ऐलान करने वाले संगठनों द्वारा अभी भी हिंसा जारी है और उनका खतरा बना हुआ है । इससे असुरक्षा और डर का माहौल बन गया है ।
हाल के सप्ताहों में बम-विस्फोटों, गोलीबारी एवं राजनीतिक रैलियों पर हुए हमलों में कई नेपाली मारे गए हैं या घायल हो गए हैं । मानवाधिकार प्रेक्षकों का कहना है कि नेपाल के तराई क्षेत्र के कुछ सशस्त्र समूह खुलकर चुनावों का विरोध कर रहे हैं और अपने विरोधियों को आतंकित कर रहे हैं । नेपाल के बांके-2 चुनाव क्षेत्र से खड़े राष्ट्रीय जनमोर्चा पार्टी के उम्मीदवार कमल प्रसाद अधिकारी की गोली मार कर हत्या कर दी गई । आरोप है कि एक सशस्त्र उग्रवादी गिरोह के सदस्यों ने उन्हें मारा । 20 मार्च को जारी एक लिखित बयान में नेपाल स्थित अमेरिकी दूतावास ने हिंसा एवं किसी के भी द्वारा आतंकित करने की कार्रवाई की निंदा की । बयान में तराई क्षेत्र में सशस्त्र गिरोहों, माओवादियों और उनकी यंग कम्युनिस्ट शाखा द्वारा की जा रही हिंसा के खात्मे की अपील की गई है ।
बिराटनगर में हिंदू उग्रवादी संगठन से जुड़े माने जाने वाले दो आतंकवादियों ने चोटी मस्जिद में बम-विस्फोट किया । इस हमले में दो लोग मारे गए और एक घायल हो गया है । नेपाल की जनता आतंकवाद की वजह से लंबे समय से तबाह होती रही है । वर्ष 1996 और 2006 के बीच 13,000 से अधिक लोग माओवादी उग्रवादियों और नेपाली सरकार के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में मारे गए थे ।
माओवादियों एवं नेपाल की सात बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बीच नवंबर, 2006 में हुए एक शांति समझौते के बाद एक अंतरिम सरकार और अंतरिम संगठन की स्थापना हुई । इस संविधान में संविधान सभा के गठन के लिए चुनाव का प्रावधान था । 10 अप्रैल को हुए चुनाव के बाद इस संविधान सभा का काम नेपाल के लिए एक नए संविधान का मसौदा तैयार करना होगा । नेपाल में अमेरिकी दूतावास ने सभी नेपालियों से चुनाव आचार संहिता का पालन करने और एक ऐसा माहौल बनाने में मदद करने की अपील की है, जिसमें स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव हो सके । अपनी तरफ से अमेरिका इस ऐतिहासिक चुनाव में नेपाल की मदद करने के प्रति कटिबद्ध है ।