![George Washington](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110124512im_/http://www.voanews.com/hindi/images/washingtontv4jan08.jpg) |
George Washington |
अमेरिका में आज (18 फरवरी) राष्ट्रपति दिवस है, ऐसा दिन जब अमेरिकी प्रथम राष्ट्रपति जॉर्ज वॉशिंगटन और एक अन्य महान राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन से लेकर, अपने राष्ट्रीय नेताओं का सम्मान करते हैं । श्री वॉशिंगटन का जन्म फरवरी के महीने में हुआ था ।
श्री वॉशिंगटन ने 1782 में ब्रिटेन से आजादी के युद्ध में अमेरिकियों को जीत दिलाकर स्थायी प्रसिद्धि हासिल की थी । उनकी लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि अगर वह चाहते तो खुद बादशाह बन सकते थे । उनके कुछ अधिकारी, जिनमें लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए धैर्य नहीं था, ने उनसे ऐसा ही करने का अनुरोध किया था ।
श्री वॉशिंगटन ने जवाब दिया, "इन विचारों को अपने दिमाग से बाहर निकाल दो," और उन लोगों की कड़ी आलोचना की, जिन्होंने यह सुझाव दिया था । दिसंबर, 1783 में वॉशिंगटन ने सेना को भंग करने का आदेश दिया, कमांडर-इन-चीफ का अपना पद छोड़ दिया और निजी जीवन बिताने लगे ।
उस समय अमेरिका 13 राज्यों का एक ढीला-ढाला संघ था । अगले छह वर्षों में अमेरिकियों ने ऐसा संविधान बनाने के लिए संघर्ष किया, जिससे एक कारगर संघीय सरकार बनाई जा सके, जबकि महत्वपूर्ण अधिकार राज्यों को दे दिये जाएं । बहुत से अमेरिकियों को राष्ट्रीय सरकार के विचार पर विश्वास नहीं था और वे डरते थे कि संघीय अधिकारियों, विशेषकर राष्ट्रपति द्वारा सत्ता का दुरुपयोग किया जा सकता है ।
ऐसे महत्वपूर्ण समय में श्री वॉशिंगटन एकमात्र व्यक्ति थे, जिन पर बहुसंख्यक अमेरिकी विश्वास करने के लिए तैयार थे । 1789 में वह अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बनने के लिए निर्विवाद चुने गए ।
जब उन्होंने पद संभाला, अमेरिका का संविधान था, लेकिन उसकी सरकार संगठित नहीं थी । जब उन्होंने पद छोड़ा, अमेरिका को विश्व की महाशक्तियां मान्यता देती थीं । श्री वॉशिंगटन ने देश को एक ठोस वित्तीय आधार दिया और अमेरिका की विस्तृत होती सीमाओं की रक्षा के लिए शक्तिशाली सेना बनाई ।
क्रांतिकारी फ्रांस में लोकतांत्रिक आदर्शों का स्थान अशांति, आतंक और दमन ने ले लिया था । परंतु अमेरिका में वॉशिंगटन के नेतृत्व में क्रांति के बाद स्थायी, लोकतांत्रिक और कानूनी सरकार बनी । चार-वर्षीय दो कार्यकाल पूरे करने के बाद अपनी इच्छा से पद छोड़ कर वॉशिंगटन ने भावी राष्ट्रपतियों के लिए एक महत्वपूर्ण परंपरा कायम की और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण एक निर्वाचित नेता से दूसरे को हो, जो लोकतंत्र के लिए आवश्यक सिद्धांत है ।