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Image grab taken from state-run Islamic Republic of Iran News Network (IRINN) on 04 Feb 2008 |
ईरान द्वारा हाल में एक रॉकेट छोड़े जाने से ईरान के बैलिस्टिक मिसलों और परमाणु हथियारों के विकास के प्रयासों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं । रूसी समाचार एजेंसी ने रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर लोस्युकोव के हवाले से कहा है कि रॉकेट लॉन्च से आम लोगों की ईरान के प्रति इस आशंका को बल मिला है कि वह परमाणु हथियार बनाने का इच्छुक है । लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें ऐसे हथियारों के प्रमुख उपकरणों में से एक हैं । इससे चिंता पैदा हुई है ।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शॉन मैककॉर्मेक ने इन्हीं कारणों से ईरान के रॉकेट लॉन्च को चिंताजनक करार दिया है । उन्होंने कहा
“अंतरिक्ष यान को कक्षा में डालने के लिए जिस तरह की तकनीक और क्षमताओं की जरूरत होती है, उन्हीं का प्रयोग लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसलों में भी होता है । निश्चित रूप से राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्यों ने ईरान द्वारा लगातार मध्यम एवं लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसलों के विकास पर गहरी चिंता व्यक्त की है । इस चिंता की वजह यह है कि वे संवर्धित यूरेनियम प्राप्त करने के प्रयास में लगातार लगा हुआ है । इस यूरेनियम का उपयोग परमाणु हथियारों के निर्माण में किया जाता है ।”
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता डाना पेरिनो ने कहा है कि इसी तरह की तकनीक की मदद से अंतरिक्ष में रॉकेट प्रक्षेपित करने का ईरान का फैसला उसे और अलग-थलग कर देगा । यही तकनीक बैलिस्टिक मिसल पर स्थित परमाणु हथियार को छोड़ने में काम आता है । राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, जिसके पारित होने पर ईरान पर तीसरी बार प्रतिबंध लग जाएंगे। ये प्रतिबंध इसलिए लगाए जा रहे हैं, क्योंकि परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसलों के कार्यक्रमों को लेकर राष्ट्र संघ की मांगों को मानने से ईरान ने इन्कार कर दिया है ।