![Iran's President Mahmoud Ahmadinejad flashes the V for 'victory' sign as he addresses thousands of people in Bushehr, 30 Jan 2008<br />](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110123313im_/http://www.voanews.com/hindi/images/AFP_Irans_President_Mahmoud_Ahmadinejad_flashes_V_at_power_plant_30_Jan_08.jpg) |
Iran's President Mahmoud Ahmadinejad flashes the V for 'victory' sign as he addresses thousands of people in Bushehr |
ईरान में बहाई धार्मिक समुदाय के 54 सदस्यों को शासन के खिलाफ दुष्प्रचार के आरोप में सजा सुनाई गई है । उनमें से तीन को चार साल कैद की सजा सुनाई गई है और अन्य लोगों को एक साल की सजा सुनाई गई है, जो निलंबित रहेगी ।
बहाई समुदाय के जिन तीन लोगों को कैद की सजा सुनाई गई है, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उनकी पहचान हालेह रूही जहरोमी, राहा साबेत सरवेस्तानी और ससन तकवा के रूप में की है । दक्षिणी ईरान के सिराज शहर में गरीब बच्चों को पढ़ाने के एक कार्यक्रम में मदद करने के बाद इन लोगों को गिरफ्तार किया गया । बहाई समुदाय के सजा पाने वाले अन्य लोग भी इस कार्यक्रम में शरीक थे ।
नवंबर महीने से ही हालेह रूही जहरोमी, राहा साबेत सर्वेस्तानी और ससन तकवा जेल में हैं । एक लिखित बयान में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शौन मेककौरमेक ने उन्हें जेल में डाले जाने पर टिप्पणी की है । श्री मैककॉर्मेक ने कहा कि ईरान की सरकार डर, दमन और मनमाने ढंग से गिरफ्तारी की घटनाओं से मुक्त भविष्य से, अपने नागरिकों को अभी भी वंचित कर रहा है । हम प्रशासन से वाजिब प्रक्रिया के बगैर गिरफ्तार किये गए लोगों को रिहा करने एवं निष्पक्ष न्याय की अपील करते हैं । इन गिरफ्तार लोगों में बहाई समुदाय के तीन युवा शिक्षक भी शामिल हैं, जिन्हें खुफिया मंत्रालय के सिराज स्थित जेल में रखा गया है ।
बहाई समुदाय ईरान में सबसे बड़ा गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है । इनकी संख्या 3 लाख से अधिक बताई जाती है । सरकार इन लोगों को काफिर मानती है, इसलिए उनके साथ भेदभाव किया जाता है और उनका दमन होता है । उन्हें मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर जेल में डाला जाता है । अपनी आस्था को मानने या प्रवचन देने की उन पर बंदिश लगी हुई है । वे ईरान के बाहर रह रहे बहाई समुदाय के लोगों से रिश्ता भी नहीं रख सकते । अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी रिपोर्ट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ईरान की सरकार बार-बार बहाई समुदाय से कह रही है कि अगर वे अपनी आस्था छोड़ दें तो उनके साथ दुर्व्यवहार बंद हो सकता है ।
अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों के अमेरिकी राजदूत जॉन हेनफोर्ड ने उन ईरानी नागरिकों पर प्रकाश डाला है, जो इस बुनियादी मानवाधिकार के प्रयोग की कोशिश करते हैं । उन्होंने कहा-
“ईरान में शासन बहाई समुदाय के लोगों के दमन से बाज नहीं आ रहा और उन्होंने लगभग सभी गैर-शिया धार्मिक समूहों के लिए डर का माहौल बना कर रखा है । उन समूहों में सूफी मुसलमान, कुछ ईसाई समूह और यहूदी समुदाय के सदस्य शामिल हैं ।”
दिसंबर महीने में राष्ट्र संघ महासभा में पारित एक प्रस्ताव के प्रायोजन में अमेरिका भी शामिल है । इस प्रस्ताव में ईरान शासन द्वारा बहाई एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर गंभीर चिंता जताई गई है । जॉन हेनफोर्ड ने कहा है कि अमेरिका उन लोगों की उपेक्षा नहीं करेगा, जो धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हैं और जिन्हें उस दिन का इंतजार है, जब हर धर्मों के लोग बिना किसी बंदिश और दमन के अपनी आस्था का पालन कर पाएंगे ।