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अमेरिका ने नेपाल में मानवाधिकार की रक्षा के लिए ऑफिस ऑफ दी यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स को 2 करोड़ डॉलर से अधिक का अनुदान दिया है । नेपाल में अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल ने कहा है कि 18 महीने के लिए दिये गए इस अनुदान से यह पता चलता है कि अमेरिकी जनता नेपाल के लिए महत्वपूर्ण मानवाधिकार मुद्दों का समर्थन कर रही है । सुश्री पॉवेल ने कहा- 23 लाख डॉलर की यह सहायता नेपाल में राष्ट्र संघ के मानवाधिकार अभियानों को मजबूत करने एवं सभी नेपालियों के मानवाधिकारों की रक्षा करने की कोशिशों पर खर्च की जाएगी ।
राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के कार्यालय द्वारा जारी एक ताजा रिपोर्ट में यह कहा गया है कि वर्ष 2006 के नवंबर महीने में हुए व्यापक शांति समझौते के बावजूद वर्ष 2007 में नेपाल में मानवाधिकार की स्थिति बिगड़ती जा रही है । इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही नेपाल के माओ उग्रवादियों और नेपाली सरकार के सैनिकों के बीच दशकों से चली आ रही लड़ाई खत्म हो गई है । इस समझौते के बाद सभी पक्षों ने मानवाधिकार हनन को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई थी ।
लेकिन राष्ट्र संघ मानवाधिकार संगठन ने कहा है कि एक खबर के अनुसार, जनवरी और अक्टूबर के अंत के बीच 130 से अधिक नागरिक मारे गए हैं । मौत की अधिकतर घटनाएं नेपाल के तराई क्षेत्र के मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में हुई हैं । अधिकतर हत्याओं में विभिन्न सशस्त्र गिरोहों और निगरानी दस्तों का हाथ रहा है । इनमें कुछ माओवादी काडर भी शामिल थे । राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्या एवं हिंसा की अन्य घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग छुट्टा घूम रहे हैं, चाहे वह राज्य द्वारा मानवाधिकार हनन के मामले हों, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल या माओवादी काडर के जुल्म हों या भेदभाव बरतने की वजह से हुए हिंसक विरोधों से उपजे सशस्त्र समूहों द्वारा किये गए आपराधिक मामले हों ।
नेपाल में अमेरिकी दूतावास ने हाल में नेपाली महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के प्रति समर्थन दिखाने के लिए महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 16 दिन के अभियान में भाग लिया । इस अभियान के तहत महिलाओं के खिलाफ हिंसा से जुड़ी फिल्में दिखाई गईं । इस अभियान में शामिल होने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि इन फिल्मों को दिखाने से नेपाल में मानवाधिकार समस्याओँ से जूझ रही महिलाओं को लेकर चेतना बढ़ी । इसकी बहुत जरूरत महसूस की जा रही थी ।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मानवाधिकार पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को एक समस्या के रूप में देखने के प्रति पुलिस, राजनेताओं, नागरिकों एवं सरकारी अधिकारियों में एक आम अनिच्छा का भाव देखा जा रहा है । रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं की खरीद-फरोख्त पूरे देश में एक गंभीर समस्या बनी हुई है ।
नेपाल में अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल ने कहा कि नेपाल में हो रहे मानवाधिकार हनन के मामलों के खिलाफ बोलने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है । उन्होंने कहा कि अमेरिका उनकी कोशिशों को मदद देता रहेगा ।