![Women's rights activists in Iran](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110143337im_/http://www.voanews.com/hindi/images/hrwiran2103.jpg) |
Women's rights activists in Iran |
ईरानी जनता पर वहां की सरकार का दमन बदस्तूर जारी है । महिलाओं के अधिकारों की पैरोकार जेलवे जवाहेरी को 1 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया । ग्रेजुएट छात्रा सुश्री जवाहेरी स्त्रियों के साथ ईरान के भेदभाव वाले कानूनों को रद्द करने की एक याचिका पर 10 लाख हस्ताक्षर जुटाने के अभियान में सक्रिय है । अभी वह कुख्यात एविन जेल में है ।
श्रमिक कार्यकर्ता एवं ईरान के पेंटर्स यूनियन के संस्थापक सदस्य रेजा देहघन को नवंबर महीने में गिरफ्तार कर लिया गया था । वह भी अभी एविन जेल में हैं । श्री देहघन जेल में पहले से बंद ईरान के श्रमिक नेता मंसूर ओसानलू के मुखर समर्थक हैं । ओसानलू तेहरान बस ड्राइवर्स सिंडिकेट के नेता हैं ।
जो लोग एविन जेल में हैं, वे किस तरह का जीवन जी रहे हैं ?
जेल में बंद महिलाओं के अधिकारों की पैरोकार एवं साइबर पत्रकार मरियम हुसैनखाह ने हाल में एविन जेल से एक लेख लिखा । उनका यह लेख चेंज फॉर इक्वलिटी नामक वेबसाइट पर छपा है । इस वेबसाइट में उन्होंने उन महिला बंदियों के बारे में लिखा है, जिनसे उनकी मुलाकात हुई । उन्होंने लैला नाम की एक महिला के बारे में लिखा है । लैला ने जब अपने बच्चों के लिए अपने पति से कोर्ट के जरिये आर्थिक मदद मांगी तो उसे जेल में डाल दिया गया । उसके पति ने अदालत के कमरे में ही उस हमला बोल दिया था । उसे भी जेल में डाला गया, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई । उसकी पत्नी अभी भी जेल में ही है । सुश्री हुसैनखाह लिखती हैं- लैला उन सैकड़ों महिलाओं में से एक है, जिनका जीवन इसलिए बर्बाद हो गया है, क्योंकि कानून गैर-बराबरी को बढ़ावा देने वाला है । अब उसके पास धातु की छत और चारों तरफ कभी न खत्म होने वाली दीवारों के सिवा कुछ नहीं है ।
एक छात्र कार्यकर्ता माजिद तवकोली ने भी तेहरान के विशेष अभियोजक को एक पत्र लिखकर एविन जेल के बारे में बताया है । श्री तवकोली को हाल में इस्लाम के अपमान के झूठे और मनगढ़ंत आरोपों में दोषी ठहराया गया और उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई गई । श्री तवकोली बताते हैं कि जब उन्होंने अपने एक साथी कैदी के साथ किये गए हिंसक व्यवहार का विरोध किया तो जेल के अधिकारियों ने उनकी किस तरह निर्ममता से पिटाई की । उन्हें बार-बार लात-घूसों से मारा गया, चेहरे पर भी घूंसे मारे गए और सीढ़ियों के नीचे फेंक दिया गया । श्री तवकोली ने मामले की जांच की मांग की है । उसने मांग की है कि उसका जीवन बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए ।
उप राष्ट्रपति डिक चेनी ने कहा है कि ईरान के लोग भय और आतंक के माहौल में जी रहे हैं ।
उन्होंने कहा- एक पीढ़ी के दौर में ईरान शासन ने देश पर अपनी जकड़ मजबूत कर ली है । इस क्रम में वह लगातार अधिक स्वेच्छाचारी और ईरानी जनता के प्रति क्रूर होती गई है ।
श्री चेनी ने कहा कि तेहरान में सत्ताधारी अभिजात्य वर्ग का जो तौर-तरीका है, वह तमाम ईरानी जनता के लिए एक त्रासदी है ।