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10 जनवरी  2009 

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पाकिस्तानी सेना ने स्वात घाटी में पहाड़ की एक महत्वपूर्ण चोटी पर कब्जा किया
28/11/2007

Armed Pakistani pro-Taliban militants with their faces covered patrol a street at Charabagh in Swat district, 02 Nov 2007
Armed Pakistani pro-Taliban militants with their faces covered patrol a street at Charabagh in Swat district
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि उन्होंने उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान की स्वात घाटी क्षेत्र में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक पहाड़ की चोटी को तालिबान-समर्थक उग्रवादियों के कब्जे से छुड़ा लिया है । एक खबर के अनुसार, इस लड़ाई में करीब 40 उग्रवादी मारे गए हैं । इसके साथ ही स्वात घाटी में चलाए गए अभियान में हाल के सप्ताहों में मरने वाले उग्रवादियों की संख्या बढ़कर 200 से अधिक हो गई है । मरने वालों में उग्रवादियों का एक स्थानीय कमांडर भी शामिल है । पाकिस्तानी सेना के एक प्रवक्ता, मेजर जनरल वाहिद अरशद ने बताया कि स्थानीय लोग उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई में मदद कर रहे हैं ।

पाकिस्तानी फौजों ने मुल्ला रेडियो नाम के उग्रवादियों के एक रेडियो स्टेशन पर भी कब्जा जमा लिया है और उसे बंद कर दिया है । तालिबान-समर्थक मुस्लिम धार्मिक नेता मौलाना फजलुल्ला द्वारा इस रेडियो स्टेशन के जरिये उन लोगों को मारने की धमकी दी जा रही थी, जो इस्लामी कानून के तालिबान संस्करण को खारिज कर रहे हैं । इस रेडियो में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ विद्रोह का आह्वान भी किया जा रहा था । पाकिस्तान के डेली टाइम्स अखबार ने “फाइनली, बूट्स ऑन दी ग्राउंड” शीर्षक से अपने एक संपादकीय में लिखा है कि स्वात घाटी में फजलुल्ला के आतंक के राज को अल-कायदा आतंकवादियों का समर्थन मिल रहा था । संपादकीय में लिखा गया है कि फजलुल्ला जैसे लड़ाकू सरदार की तरह के लोगों पर अल-कायदा के प्रभाव के कई कारण हैं । उनमें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण भी एक बड़ा कारण है ।

अमेरिकी उप विदेश मंत्री जॉन निग्रोपोंटे ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि अमेरिका स्वात घाटी में हिंसक उग्रवाद से निपटने की पाकिस्तान सरकार की कोशिशों का समर्थन करता है । -उन्होंने कहा-

“मुझे पाकिस्तानी सरकार, पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की इस स्थिति से निबटने की वचनबद्धता पर भी कोई संदेह नहीं है । एक लोकतांत्रिक सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपना जंग जारी रखे, यह बात अमेरिका और पाकिस्तान, दोनों के हित में है ।”

श्री निग्रोपोंटे ने कहा कि सैन्य बल आतंकवाद को पराजित करने का एकमात्र रास्ता नहीं है । उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना है कि किसी भी देश में हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने का सबसे बढ़िया तरीका वहां एक नरमपंथी राजनीतिक धूरी का विकास करना और उसे पोषित करना है । उन्होंने कहा कि अमेरिका हिंसक उग्रवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान की सरकार और वहां की जनता के साथ कदम-से-कदम मिलाकर काम कर रहा है । हमारा मानना है कि कुछ सबसे बढ़िया तरीकों में से एक तरीका यह है कि लोकतांत्रिक राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए ।  


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