|
Vice President Richard Cheney |
उप राष्ट्रपति डिक चेनी ने कहा है कि ईरानी लोग डर और आतंक के माहौल में जी रहे हैं ।
"(ईरानी जनता) खुफिया पुलिस, मनमाने ढंग से हिरासत में लेने और हवा में हिंसा होने के संकेत के कारण डर और आतंक में जी रही है । एक पीढ़ी के अंतराल में निज़ाम ने देश पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है और ईरानी जनता के प्रति कहीं ज्यादा घमंडी और क्रूर हो गया है । पत्रकारों को परेशान किया जाता है । धार्मिक अल्पसंख्यकों को दंडित किया जाता है । बहुत से असंतुष्टों और स्वतंत्रता के पक्षधरों की हत्या कर दी गई है या वे गायब हो गए हैं । यात्रा पर आने वाले विद्वानों को, जिन्होंने कोई गलत काम नहीं किया होता, पकड़ कर जेल में डाला गया है ।
फ्रांसीसी-ईरानी फिल्म निर्माता महरूनशी सोलोकी का मामला देखें । सुश्री सोलोकी दिसंबर, 2006 में ईरान के धार्मिक अल्पसंख्यकों की दफनाने की परंपराओं के बारे में फिल्म बनाने ईरान गई थीं ।
रेडियो फर्दा को टेलीफोन पर दिये इंटरव्यू में सुश्री सोलोकी ने बताया कि अपने काम के दौरान उन्हें इत्तफाक से तेहरान के दक्षिण में खावारान कब्रगाह का एक हिस्सा मिला, जो उन अन्य हिस्सों से, जो उन्होंने देखे थे, पूरी तरह भिन्न था । यह वह हिस्सा था, जहां ईरानी धार्मिक निज़ाम द्वारा 1988 में कत्ल किये गए हजारों राजनीतिक कैदियों में से कुछ को एक सामूहिक कब्र में दफनाया गया था ।
इस साल 17 फरवरी को पुलिस ने सुश्री सोलोकी के तेहरान के घर पर छापा मारा । उन्हें गिरफ्तार किया गया और एविन जेल में डाल दिया गया । एविन में एक महीने रहने के बाद सुश्री सोलोकी को रिहा किया गया, लेकिन उन्हें ईरान से जाने की इजाजत नहीं दी गई है । उन्हें 17 नवंबर को एक ईरानी अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया है । बताया जाता है कि उन पर धार्मिक निजाम के खिलाफ दुष्प्रचार करने के तथाकथित अपराध का आरोप लगाया गया है । सुश्री सोलोकी ने रेडियो फर्दा को बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि वह जीवन और मौत के बीच झूल रही हैं ।
खावारान कब्रगाह जाने वाले अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है । इनमें वे छह लोग शामिल हैं, जिन्होंने 1988 में कैदियों के कत्लेआम की 19वीं बरसी पर अगस्त में हुए एक समारोह में भाग लिया था । सातवीं व्यक्ति 22-वर्षीय मसूमेह मंसूरी को उनके पिता के बारे में पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उन्होंने इस समारोह में भाग लिया था । सातों को एविन जेल में रखा गया है ।
लगता है कि ईरानी धार्मिक निजाम मृत और जीवित, दोनों से डरता है । परंतु जैसा कि उपराष्ट्रपति चेनी ने कहा है, "ईरानी लोगों को अपने ही देश में दमन और अत्याचार से मुक्त होने का पूरा अधिकार है ।"