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10 जनवरी  2009 

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आतंक के खिलाफ अफ़ग़ानिस्तान की लड़ाई
04/11/2007

अफगानी सुरक्षा बलों और नाटो के नेतृत्व वाले गठबंधन सैनिकों ने दक्षिणी शहर कंधार के निकट कम-से-कम 50 तालिबान विद्रोहियों को मार डाला और 250 से अधिक को पकड़ लिया । प्रांतीय पुलिस प्रधान सैयद अफगा साकिब के अनुसार, तालिबान भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमने इलाके की घेराबंदी कर ली थी । उन्होंने कहा कि हम आक्रामक मुद्रा में थे, जबकि वे रक्षात्मक स्थिति में ।

पश्चिमी अफगानिस्तान के फराह नामक प्रांत के पुलिस प्रमुख अब्दुल रहमान सारजंग के अनुसार, अफगान पुलिस ने स्थानीय वाशिंदों की मदद से 20 विद्रोहियों को या तो मार डाला या घायल कर दिया । और खोस्त प्रांत में अफगान सैनिकों ने घात लगाकर तालिबान आतंकवादियों पर हमला किया । ये आतंकवादी, गठबंधन सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की जा रही सड़क पर परिष्कृत बम रखने की कोशिश कर रहे थे । विद्रोही घायल होकर भाग गए और सड़क पर खून और उनके कपड़े बिखरे हुए थे । साथ ही वह परिष्कृत बम भी था, जो वे वहां रखने आए थे । अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत विलियम वुड ने अफगानिस्तान के टोलो टेलीविजन के साथ एक मुलाकात में बताया कि अफगानिस्तान, अमेरिका और गठबंधन सेनाओं के साथ मिलकर तालिबानी खतरे से प्रभावकारी तरीके से निपट रहे हैं ।
Hamid Karzai 
Hamid Karzai 

उनका कहना है कि “मैं समझता हूं कि सैन्य हालात काफी बेहतर हुए हैं, लेकिन चूंकि तालिबान रणक्षेत्र में हार रहे हैं, इसलिए वे अपनी रणनीति बदल रहे हैं । और अब पारंपरिक विद्रोह के बजाय तालिबान ज्यादा-से-ज्यादा आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ।”

श्री वुड का कहना है कि तालिबान अफगानिस्तान के अत्यंत महत्वपूर्ण लोगों को निशाना बना रहे हैं ।

“इन हमलों में मरने वाले अधिसंख्य लोग नागरिक हैं । अपने शासन के दौरान तालिबान ने यह दिखाया था कि वे अपने तथाकथित सिद्धांतों, युद्ध उद्देश्यों, राजनैतिक लक्ष्यों और भ्रष्ट फायदे के लिए नागरिकों की बलि लेने से भी नहीं हिचकते, और अब सत्ता पर फिर से कब्जा करने के प्रयासों में भी वे यही सब कुछ कर रहे हैं ।”

अफगानिस्तान में अमेरिकी राजदूत विलियम वुड कहते हैं कि अफगानिस्तानी सुरक्षा सेनाओं की ताकत और क्षमता रोज बढ़ रही है, लेकिन तालिबान का खतरा बरकरार है । उनका कहना है कि समाधान यही है कि हम सब मिलकर तालिबान से और उनकी आतंकवादी रणनीतियों से लड़ें ।


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