ईरान में जारी दमन के अभियान में मजदूर नेताओं, पत्रकारों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का सिलसिला जारी है । तेहरान जिन्हें खामोश करना चाहता है, अब उस सूची में एक और नया समूह गया है- ये वे लोग हैं, जो ईरानी सरकार की आर्थिक नीतियों के आलोचक हैं ।
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के हवाले से कहा है कि सरकार उन ईरानियों को बर्दाश्त नहीं करेगी, जो यह आरोप लगाते हैं कि ईरान की अर्थव्यवस्था में कई त्रुटियां हैं । श्री अहमदीनेजाद ने कहा कि हमने आर्थिक नीतियों की आलोचना करने वालों की पहचान कर ली है और हम जल्द ही उन लोगों से पूरी तरह छुटकारा पा लेंगे ।
अर्थव्यवस्था की आलोचना करने वाले लोगों की कथित सूची काफी लंबी होने वाली है । ये लोग घर बनाने की ऊंची लागत, खाद्य पदार्थों की कीमतों में इजाफा, बेरोजगारी और ईरान में घटते विदेशी पूंजीनिवेश का मसला उठा रहे हैं । ये शिकायतें ईरान में व्यापक तौर पर देखी जा रही हैं । इस सूची में सड़क के आम आदमी से लेकर संसद सदस्य और पूर्व कैबिनेट अधिकारी व प्रमुख ईरानी अर्थशास्त्री शामिल हैं ।
फिर भी ऐसा नहीं लगता कि सरकार अपना रास्ता बदलने वाली है । इसकी नीतियां देश को बदतर आर्थिक स्थिति की तरफ ले जा रही है । बीते साल राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद ने परमाणु गतिविधियों को बंद करने से इन्कार करने की वजह से ईरान पर दो बार आर्थिक प्रतिबंध लगाए । आरोप है कि ईरान की इन गतिविधियों का अंत परमाणु हथियार के निर्माण में हो सकता है । सुरक्षा परिषद अब तीसरी बार प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है ।
इसके अलावा अमेरिका ने अपनी तरफ से ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं । इसके तहत ईरान अपनी परमाणु हथियार विकास और आतंकवादी गतिविधियों के खर्च के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का उपयोग नहीं कर सकता । नतीजा यह हुआ है कि कई बड़े बैंकों ने ईरान के साथ कारोबार में या तो कटौती कर दी है या उसे बिल्कुल ही बंद कर दिया है । ईरान के तेल और गैस क्षेत्र में विदेशी पूंजीनिवेश बहुत जरूरी है, लेकिन वह भी काफी कम हो गया है ।
जिस तरह ईरान प्रशासन को और कई बातें मंजूर नहीं हैं, उसी तरह अब तेहरान का कहना है कि इन आर्थिक वास्तविकताओं का जिक्र नहीं किया जा सकता । ईरान को पहले से ही प्रेस की आजादी, महिलाओं के अधिकार, श्रम के क्षेत्र में न्यायपूर्ण व्यवस्था जैसी बातें मंजूर नहीं हैं ।
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Vice President Richard Cheney |
अमेरिकी उप राष्ट्रपति डिक चेनी ने हाल में ईरान में चल रहे दमन पर अपना विचार व्यक्त किया है ।
“ईरान के मौजूदा प्रशासकों के रहते ईरान के लोग डर और आतंक के माहौल में जी रहे हैं । गुप्तचर पुलिस, मनमाने ढंग से की जा रही गिरफ्तारियों और हवा में हिंसा की गंध के बीच वहां के लोग अपना जीवन जी रहे हैं । एक पूरी पीढ़ी के दौर में इस प्रशासन ने देश पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है । नतीजतन वह अपनी जनता के प्रति और कठोर एवं अहंकारी हो गई है ।”
श्री चेनी ने कहा कि ईरान की जनता के साथ यह व्यवहार उचित नहीं है । ईरान की जनता को दमन, आर्थिक रूप से वंचित रहने की स्थिति और अपने ही देश में तानाशाही से छुटकारे का पूरा अधिकार है ।