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चीनी अधिकारी मीडिया पर अपना नियंत्रण कड़ा करते जा रहे हैं और सेंसरशिप का प्रतिरोध करने वालों को जेल में डाल रहे हैं ।
हाल ही में एक चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ता, चेन शूचिंग को इंटरनेट पर राजनीतिक रूप से संवेदनशील लेख जारी करने के लिए देशद्रोह का आरोप लगाकर चार साल के लिए जेल की सजा दे दी गई । उनके वकील ली चियानचियांग ने इस सजा को पूरी तरह बेवजह बताते हुए कहा है कि श्री चेन केवल अपनी राय व्यक्त कर रहे थे और यह संविधान के तहत उनका अधिकार है । श्री ली को भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की वकालत करने के लिए चीनी अधिकारियों का आक्रोश झेलना पड़ा है । जून में उन्हें नोटिस दिया गया था कि वकालत करने का उनका लाइसेंस कम-से-कम एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है ।
स्वतंत्र प्रेस का निरीक्षण करने वाले संगठन, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने इस सजा की आलोचना की है और श्री चेन तथा चीन में जेल में बंद अन्य 50 साइबर असंतुष्टों और इंटरनेट उपभोक्ताओं को रिहा करने की फिर से अपील की है ।
बताया जाता है कि पत्रकार ची चुंगवाई और फ्रीलांस फोटोग्राफर मा श्योरपिंग को भी दुंगजो शहर की कम्युनिस्ट पार्टी में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के लिए जून में गिरफ्तार किया गया था । रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर ने कहा है कि चीन में कम-से-कम 32 पत्रकार जेल में हैं । इनमें न्यूयॉर्क टाइम्स के शोधकर्ता जाओ येन भी हैं, जो कथित धोखाधड़ी के लिए तीन साल की सजा काट रहे हैं ।
अमेरिका उन चीनी पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि को लेकर चिंतित है, जो अपने विचार इंटरनेट पर अभिव्यक्त करते हैं । अमेरिकी सरकारी अधिकारी नियमित रूप से चीनी सरकार से मानवाधिकार मुद्दों पर बात करते हैं । चीन में मानवाधिकारों की स्थिति पर विदेश मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में चीन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मान्यताप्राप्त नियमों का उल्लंघन करते हुए मानवाधिकार हनन करने का उल्लेख किया गया है, जो अधिकारियों द्वारा असंतोष सहन न करने तथा मूल स्वतंत्रता के लिए पर्याप्त कानूनी सुरक्षित उपाय न होने के कारण होता है । जैसा कि अमेरिकी विदेश सहायक सचिव जॉन नेग्रोपोंटे ने कहा है, चीन सरकार को बिना किसा दबाव के अपने नागरिकों के बोलने, इकट्ठा होने और प्रकाशित करने के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए ।