![Greg Schulte](https://webarchive.library.unt.edu/eot2008/20090110115214im_/http://www.voanews.com/hindi/images/usds_Greg_Schulte__195_eng_17jan06_0.jpg) |
Greg Schulte |
ईरान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी या आईएईए ने कहा है कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उठी शंकाओं को दूर करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम पर सहमत हो गए हैं ।
आईएईए में अमेरिकी प्रतिनिधि, ग्रेगरी शुल्ट ने कहा कि ऐसा सहयोग पर्याप्त नहीं है, जो आंशिक और सशर्त है और जिसका वायदा भविष्य के लिए किया गया है । जो सहयोग ईरान को परमाणु हथियार बनाने की क्षमता विकसित करने के लिए आगे बढ़ने देता है, वह भी पर्याप्त नहीं है ।
श्री शुल्ट ने कहा कि अगर ईरान के नेता सचमुच में दुनिया का विश्वास जीतना चाहते हैं तो उन्हें आईएईए को झांसा देने की कोशिश बंद कर देनी चाहिए, पूरी तरह और बिना शर्त सहयोग करना शुरू कर देना चाहिए और चिंताजनक गतिविधियों को बंद कर देना चाहिए ।
आईएईए ने ईरान से यूरेनियम संवर्धन और पुनर्शोधन की सभी गतिविधियों को बंद करने के लिए कहा है । राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद ने ईरान द्वारा ऐसा करने से इन्कार करने के कारण ही उस पर प्रतिबंध लगाए थे । अब सुरक्षा परिषद के सदस्य उस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं ।
राजनीतिक मामलों के लिए अमेरिकी विदेश अवर सचिव निकोलस बर्न्स ने कहा कि ईरान द्वारा सहयोग के नवीनतम वायदे केवल दिखावा है ।
"वे (ईरान सरकार) सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव से ध्यान हटाने के लिए, हमें दूर करने और सुरक्षा परिषद में हमें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं और यह कोशिश कारगर नहीं होगी ।"
विदेश अवर सचिव निकोलस बर्न्स ने कहा है कि अमेरिका ईरान को गैरसैनिक परमाणु ऊर्जा प्रणाली का निर्माण करने में मदद देने के लिए तैयार है, बशर्ते ईरान यूरेनियम संवर्धन गतिविधियों को रोकने पर राजी हो जाए, जिससे वह परमाणु हथियार विकसित कर सकता है । श्री बर्न्स ने कहा कि हम निश्चय ही एक ऐसा ईरान नहीं देखना चाहते, जो सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन कर रहा है और आतंकवादी संगठनों- हिज़्बुल्ला और हमास तथा इराक में शिया उग्रवादियों को परमाणु क्षमताओं से लैस कर रहा है । श्री बर्न्स ने कहा कि ईरान की विदेश नीति इतनी अस्थिर, इतनी हिंसक और इतनी विनाशकारी है कि कोई भी यह नहीं चाहता कि ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहदमीनेजाद की सरकार के पास परमाणु हथियार हों । यह बिलकुल स्पष्ट है ।